लगातार बढ़ रही है राजस्थान की अर्थव्यवस्था, नई बुलंदियों पर ले जाएंगे राज्य को: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद सामान्य हो रहे हालात में सरकार की राजस्व प्राप्तियां बढ़ी हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ रहा है. गहलोत ने कहा,‘‘संक्रमण के बाद अब सामान्य हो रहे हालात में हमारी सरकार की राजस्व प्राप्तियां बढ़ने लगी हैं.

सीएम अशोक गहलोत (Photo Credits: Facebook)

जयपुर, 4 मार्च : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद सामान्य हो रहे हालात में सरकार की राजस्व प्राप्तियां बढ़ी हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ रहा है. गहलोत ने कहा,‘‘संक्रमण के बाद अब सामान्य हो रहे हालात में हमारी सरकार की राजस्व प्राप्तियां बढ़ने लगी हैं. राज्य में लगातार निवेश बढ़ रहा है व हमारी अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ता जा रहा है.'’ उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि हम बजट में की गई घोषणाओं को समय पर पूरा करने में सफल होंगे व राजस्थान को बुलंदियों के नए आयामों पर लेकर जाएंगे.’’ उल्लेखनीय है कि गहलोत के पास वित्त विभाग भी है.

विपक्षी दलों द्वारा राज्य सरकार पर कर्ज का मुद्दा उठाए जाने का जिक्र करते हुए गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘कई विपक्षी बार-बार राज्य सरकार पर कर्ज की बात करते हैं. संभवत: ऐसे लोगों को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है. कोई भी राज्य सरकार केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के बाहर जाकर कर्ज नहीं ले सकती है. राज्यों द्वारा कर्ज संविधान के अनुच्छेद 293 व एफआरबीएम की सीमा के तहत ही लिया जा सकता है. इससे स्पष्ट है कि कर्ज लेना भी अर्थव्यवस्था के लिए बनाए गए कानूनों के संगत है.’’ उन्होंने कहा,‘‘ 2013 में हमारी सरकार के दौरान राज्य पर जीएसडीपी का 23.98 प्रतिशत यानी 1,29,910 करोड़ कर्ज था. 2018 में भाजपा सरकार के दौरान यह कर्ज जीएसडीपी के 35 प्रतिशत से भी अधिक यानी 3,11,371 करोड़ रुपये हो गया. भाजपा सरकार ने अपने पांच सालों में दोगुने से अधिक कर्ज लिया.’’ यह भी पढ़ें : चुनाव राज्य के पिछड़े और दलित समुदाय के लोगों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए :शाह

मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘वर्ष 2010-11 से 2012-13 तक लगातार राजस्व आधिक्य की स्थिति रही थी. 2012-13 में जब हमारी सरकार थी तो राजस्व आधिक्य 3,451 करोड़ रुपये था यानी कोई राजस्व घाटा नहीं था एवं 3,451 करोड़ रुपये का फायदा था. जबकि भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल के सभी वर्षों में लगातार राजस्व घाटा रहा था. 2018-19 में भाजपा सरकार ने राजस्व घाटा लगातार बढ़ाते हुए 28,900 करोड़ रुपये कर दिया जिसका असर अब तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर है.’’

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