नयी दिल्ली, सात दिसंबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हाथ जोड़कर उनका अभिवादन करने वाले एक वायरल वीडियो क्लिप पर बृहस्पतिवार को ‘दुख और पीड़ा’ व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह का आचरण उनका स्वभाव है और वह नहीं देखते कि सामने कौन है।
कुछ कांग्रेस नेताओं सहित सोशल मीडिया हैंडल पर क्लिप साझा किए जाने के एक दिन बाद, धनखड़ ने राज्यसभा में जोर देकर कहा कि एक संवैधानिक पद की गरिमा केवल विनम्रता से ही बढ़ती है।
उन्होंने उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद कहा, ‘‘मुझे आज कल यह भी देखना पड़ रहा है कि कितना झुकूं, किसके सामने झुकूं। फोटोग्राफर कहां से क्या ले रहा है। कौन इंस्टाग्राम पर डाल देगा। कौन ट्विटर पर डाल देगा। कौन मेरी रीढ़ की हड्डी को तय करने लगेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तो मैं बताना चाहता हूं कि झुकना और नमस्कार करना मेरी आदत है। ये नहीं देखता सामने कौन है। कई बार बड़ी पीड़ा होती है, गिरावट की कोई सीमा होती है। बड़ा बुरा लगता है।’’
इसके बाद किसी सदस्य ने उनसे कुछ कहा तो इसके जवाब में धनखड़ बोले कि वह इसे सदस्यों की बुद्धिमत्ता पर छोड़ते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई ऐसी संस्था जिसका बहुत बड़ा स्थान है देश में, देश की राजनीति में... और वह आधिकारिक तौर पर ऐसा करते हैं तो मैं सिर्फ अपनी पीड़ा और नाराजगी ही व्यक्त कर सकता हूं।’’
उन्होंने उक्त वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि वह बेहद ही विनम्र इंसान हैं और घमंड उनकी जिंदगी का कभी भी हिस्सा हो ही नहीं सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘ संस्कारों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। सांस्कृतिक विरासत है झुकना। नमस्कार करना। पद की गरिमा तब रहती है जब आदमी ज्यादा से ज्यादा झुके। यह पीड़ा मुझे उन लोगों ने दी है जिनकी मैं बहुत इज्जत करता हूं।’’
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