देश की खबरें | उत्तराखंड में आपदा में मरने वालों की संख्या 76 हुयी

देहरादून, 24 अक्टूबर उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण मची तबाही से प्रभावित स्थानों पर लगातार जारी तलाश और बचाव अभियान के बीच रविवार को मृतकों की संख्या 76 तक पहुंच गई जबकि मौके पर जाकर स्थिति का स्वयं जायजा ले रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी का दौरा किया ।

उत्तरकाशी के हर्षिल से लमखागा दर्रे से होकर हिमाचल प्रदेश के चितकुल की ट्रैकिंग के दौरान खराब मौसम के कारण लापता 11 में से सात लोगों के शव बरामद कर लिये गए जबकि दो अन्य अभी लापता हैं । इस दल के दो सदस्य घायल अवस्था में पहले ही मिल चुके हैं जिनका अस्पतालों में उपचार चल रहा है ।

उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि उत्तरकाशी जिला अस्पताल में पांच ट्रैकर्स के शवों का पोस्टमार्टम किया गया जिनमें से चार पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और एक महिला दिल्ली की रहने वाली थी। पश्चिम बंगाल के ट्रैकर्स के शव उत्तरकाशी से उनके घर भेज दिए गए हैं जबकि दिल्ली निवासी महिला ट्रैकर का उसके परिजनों द्वारा उत्तरकाशी में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया ।

उन्होंने बताया कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस की टीम को हिमाचल प्रदेश के चितकुल से मिले दो अन्य शवों में से एक को उत्तरकाशी और दूसरे को दिल्ली भेजा जा रहा है जहां से उसे पश्चिम बंगाल भेजा जाएगा ।

पटवाल ने बताया कि लापता दो ट्रैकर्स— उत्तरकाशी के पुरोला निवासी ज्ञानचंद तथा पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सुकेन मांझी— की तलाश में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें जुटी हुई है।

उधर, बागेश्वर जिले के कपकोट में सुंदरढूंगा ट्रैक से लापता छह ट्रैकर्स में से पांच के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि एक अन्य अभी लापता हैं जिसकी तलाश के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) अभियान चला रही है ।

उधर, कफनी ग्लेशियर में फंसे 19 लोगों को सकुशल निकाल कर उनके गांव छूनी पहुंचाया गया जबकि पिंडारी ग्लेशियर से 33 लोगों को सुरक्षित बचाया गया ।

एसडीआरएफ सूत्रों ने बताया कि अन्य स्थानों पर फंसे लोगों का पता लगाने के लिए बल की एक टीम पैदल मार्ग से तलाश कर रही है जबकि दूसरी टीम द्वारा कल पुनः हैलीकाप्टर से तलाश की जाएगी ।

आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का मौके पर जाकर जायजा ले रहे मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी में क्षतिग्रस्त गौला पुल का निरीक्षण किया और कहा कि पूरे क्षेत्र के आवागमन के लिए अतिमहत्वपूर्ण इस पुल को जल्द से जल्द फिर शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य होगा । उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमों को शिथिल किया गया है।

कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद और डॉ धनसिंह रावत के साथ पहुंचे धामी ने कहा कि सरकार जनता के साथ है और प्रभावितों की हरसंभव मदद की जायेगी।

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