
जगद्दल (पश्चिम बंगाल), 23 जनवरी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में श्यामनगर रेलवे स्टेशन से महज डेढ़ किलोमीटर दूरी पर नोआपाड़ा थाना है जिसकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से ऐतिहासिक कड़ियां जुड़ी हैं।
इस थाने में पुलिसकर्मी हर साल 23 जनवरी को न केवल नेताजी की जयंती मनाते हैं, बल्कि स्टेशन पर उनके संक्षिप्त प्रवास को भी याद किया जाता है, जब उन्हें 1931 में अंग्रेजों ने हिरासत में लिया था।
लगभग 93 साल पहले, 11 अक्टूबर 1931 को शाम पांच बजे के आसपास, नेताजी को ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जब वहजगद्दल के गोलघर में बंगाल जूट मिल मजदूर संगठन की बैठक को संबोधित करने जा रहे थे ।
उन्हें नोआपाड़ा पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उन्हें कुछ घंटों तक हिरासत में रखा गया। हिरासत के दौरान, बोस को चाय की पेशकश की गई, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह एक ब्रिटिश अधिकारी द्वारा दी गई थी।
उस अवसर पर इस्तेमाल किए गए सिरेमिक कप और तश्तरी को पुलिस स्टेशन द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि के रूप में सावधानीपूर्वक संरक्षित किया गया है।
सम्मान के प्रतीक के रूप में, पुलिस स्टेशन ने अपने परिसर के अंदर एक छोटा सा स्मारक स्थापित किया। इसमें संरक्षित कप और तश्तरी के बगल में नेताजी की एक तस्वीर रखी गई है। एक कमरे को पुस्तकालय का स्वरूप प्रदान किया गया है जिसमें नेताजी के जीवन और विरासत पर किताबें रखी गई हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘हम खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि हमें इस पुलिस स्टेशन में काम करने का मौका मिला, जहां हमारे प्रिय नेताजी ने कदम रखा था। वे हमारे लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। यहां उनके आगमन के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं और हमारा मानना है कि इतिहास के इस अध्याय के बारे में सभी को जानना चाहिए।’’
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