कोच्चि/तिरुवनंतपुरम, 19 अक्टूबर केरल उच्च न्यायालय ने सोना तस्करी मामले की जांच कर रहे सीमाशुल्क विभाग को निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को 23 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करने का सोमवार को निर्देश दिया। बेचैनी की शिकायत के बाद तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए निलंबित अधिकारी को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी ।
अदालत ने पहले ऐसा ही निर्देश प्रवर्तन निदेशालय को जारी किया था जो सनसनीखेज सोना तस्करी मामले में धन के लेन-देन का पता लगा रहा है।
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अदालत ने सीमाशुल्क (निवारण) आयुक्तालय को 23 अक्टूबर तक शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका पर जवाब दायर करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी गत शुक्रवार को शिवशंकर को पेशी का नोटिस देने उनके घर आए थे। मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर को उसी दिन शाम छह बजे पेश होना था लेकिन उससे पहले उन्होंने बेचैनी की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इस बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि सरकार ने शिवशंकर की गिरफ्तारी को रोकने के लिए किसी भी तरीके से दखलंदाजी नहीं की है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘व्यक्ति किसी भी पद पर हो, अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए। जब हमें पता चला कि अधिकारी का आरोपी से संबंध था तो उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया गया और जांच के बाद निलंबित कर दिया गया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोई भी जांच एजेंसियों को उन्हें गिरफ्तार करने से नहीं रोक रहा।’’
विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने आरोप लगाया कि शिवशंकर ने ‘अस्पताल जाने का नाटक’ किया और यह केवल गिरफ्तारी को टालने की चाल थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और शिवशंकर सोना तस्करी से जुड़े मामले में एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।
इससे पहले शिवशंकर ने अदालत में अपनी याचिका में कहा कि जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिये गत शुक्रवार रात को नोटिस देने उनके आवास पर आए सीमा शुल्क अधिकारी उन्हें अपने साथ ले गए थे, तभी उनके सीने में दर्द होने लगा, जिसके बाद अधिकारी उन्हें अपनी कार में नजदीकी अस्पताल ले गए।
उन्होंने कहा कि वह कई दिनों से पूछताछ के लिये बार-बार तिरुवनंतपुरम से कोच्चि का सफर करके थक गए हैं।
शिवशंकर ने कहा कि 90 घंटे से अधिक समय तक विभिन्न एजेंसियों द्वारा लंबी पूछताछ के बाद भी किसी एजेंसी ने उन्हें आरोपी नहीं बताया है।
शिवशंकर ने अग्रिम जमानत की अपील करते हुए कहा कि वह अब तक सभी निर्देशों का पालन करते आए हैं और उनके फरार होने की भी कोई गुंजाइश नहीं है।
शिवशंकर को सोमवार को यहां तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
पहले उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले दिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया।
निलंबित अधिकारी को जिस निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उसने उन्हें दिल का दौरा पड़ने की बात से इनकार किया है। हालांकि उसने कहा है कि रीढ़ की हड्डी के एमआरआई में पता चला है कि उसके कुछ हिस्सों में दिक्कतें थीं।
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