लखनऊ, 27 अक्टूबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अवैध रूप से करीब साढ़े तीन कुंतल गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की पीठ ने 18 जनवरी 2019 से जेल में बंद कलीम नामक व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछली 21 अक्टूबर को यह आदेश दिया।
नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने जनवरी 2019 में 349.25 किलोग्राम गांजा बरामद होने के बाद कलीम को अयोध्या से गिरफ्तार किया था। आरोपी ने उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका में कहा है कि उसके पास से गांजा बरामदगी का दावा झूठा है, किसी ने गुपचुप तरीके से गांजा रखकर उसे फंसाया है और वह इस मामले में निर्दोष है।
कलीम का यह भी कहना था कि उसके पास से गांजा बरामद होने का कोई भी स्वतंत्र गवाह नहीं है।
नारकोटिक्स ब्यूरो के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि किसी के पास इतनी भारी मात्रा में गांजा यूं ही नहीं रखा जा सकता।
कलीम की जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई व्यवस्था, संविधान के अनुच्छेद 21 के व्यापक मंतव्य, आरोपों और सुबूतों की प्रकृति तथा दंड की गंभीरता के मद्देनजर यह मामला जमानत मंजूर करने के लिए उपयुक्त है।
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