नयी दिल्ली, 14 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया की गणना में कथित गलतियों को सुधारने के लिए दायर भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित दूरसंचार कंपनियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
इन कंपनियों ने इस संबंध में न्यायालय से उसके 2021 के आदेश की समीक्षा करने का अनुरोध किया था। हालांकि, न्यायालय ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 28 जनवरी को 2021 के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
शीर्ष अदालत ने 23 जुलाई, 2021 को एजीआर बकाया की गणना में कथित गलतियों को सुधारने की मांग करने वाली दूरसंचार कंपनियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
पीठ ने कहा, ''समीक्षा याचिकाओं को खुली अदालत में सूचीबद्ध करके मौखिक दलीलें देने की प्रार्थना खारिज की जाती है। हमने समीक्षा याचिकाओं और उनके समर्थन में दलीलों का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है।''
पीठ ने आगे कहा, ''इन याचिकाओं के आधार पर 23 जुलाई, 2021 के आदेश की समीक्षा का कोई मामला नहीं बनता है। ऐसे में समीक्षा याचिकाएं खारिज की जाती हैं।''
दूरसंचार कंपनियों ने तर्क दिया था कि गणना में अंकगणितीय गलतियों को ठीक किया जाना चाहिए और इसमें कई प्रविष्टियों के दोहराव के मामले हैं।
न्यायालय ने सितंबर 2020 में एजीआर से संबंधित 93,520 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को 10 साल का समय दिया था।
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