ताजा खबरें | देश की बैंकिंग प्रणाली मजबूत, बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य आज पूरा हो रहा है:सीतारमण

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर भारत की बैंकिंग प्रणाली की स्थिति को मजबूत और स्थिर बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि आज देश में सभी व्यावसायिक बैंक पेशेवर तरीके से संचालित हो रहे हैं और दशकों पहले बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया जाने का लाभ आज अधिक मिलता दिखाई दे रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से बैंकिंग क्षेत्र में सतर्कता से आगे बढ़ा जा रहा है और इसे मजबूत करने के अनेक प्रयास आज फलदायक साबित हो रहे हैं।

सीतारमण ने लोकसभा में बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक, 2024 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मुझे सरकार का हिस्सा होने के नाते और एक आम नागरिक होने के नाते यह कहते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत की बैंकिंग प्रणाली आज स्थिर और मजबूत है। दुनिया भर में जहां कई देशों की बैंकिंग प्रणाली चरमरा गई है, वहीं भारत के लिए उसकी मौजूदा बैंकिंग व्यवस्था उपलब्धि का विषय है जिस पर देश को गर्व होना चाहिए।’’

वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज खुशी से कह सकती हूं कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक लाभ अर्जित कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़-दो साल में कुछ विकसित देशों में भी बैंक व्यवस्था चरमरा गई, ऐसे में राजनीति से हटकर देखें तो बैंकिंग प्रणाली इस देश के लिए उपलब्धि है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘2014 में सरकार आने के बाद से हम बहुत सतर्कता बरत रहे हैं कि बैंक स्थिर रहें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद से बैंकिंग संकट को दूर करने का प्रयास किया गया। बैंकों को सुरक्षित रखने के प्रयासों के परिणाम 10 साल बाद देखने को मिल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि आज व्यावसायिक बैंकों को पूरी तरह पेशेवर तरीके से संचालित किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में देश में और खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की शाखाएं, एटीएम या बैंक मित्रों की संख्या बढ़ी है।

सीतारमण ने कहा कि दशकों पहले देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था, लेकिन महिलाओं, गरीबों और ग्रामीणों तथा शहरी क्षेत्रों तक बैंकों को लाभ पहुंचाने का उसका लक्ष्य आज बेहतर तरीके से पूरा होता दिखाई दे रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 68 प्रतिशत पीएम मुद्रा ऋण महिलाओं को दिया गया है, ग्रामीण इलाकों में 12 लाख से अधिक बैंक मित्रों में से एक लाख से अधिक महिलाएं हैं।

उन्होंने पीएम जनधन खातों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 में इस योजना की शुरुआत के समय बहुत आलोचना हुई थी लेकिन आज देश में 53 करोड़ से अधिक जनधन खातों में 2.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि है।

उन्होंने कहा कि जनधन बैंक खातों में औसत जमा राशि 1,065 रुपये से बढ़कर 4,397 रुपये हो गई है और बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य हर कोने तक पहुंच रहा है।

सीतारमण ने शिक्षा ऋण आसानी से नहीं मिलने के कुछ विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विद्यार्थियों को मिलने वाले इस ऋण में वृद्धि हुई है।

उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई विद्या लक्ष्मी योजना का भी उल्लेख किया जिसमें विद्यार्थियों को बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कुछ विपक्षी सदस्यों के दावों का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि कुछ कॉरपोरेट के कर्ज को बट्टे खाते में डालने का मतलब उसे माफ करना नहीं है।

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