नयी दिल्ली, 25 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना की पहली लहर का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश आत्मविश्वास से भरा हुआ था लेकिन इसकी ताजा लहर के ‘तूफान’ ने देश को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि उन्होंने जल्द ही देश के इस आपदा से बाहर निकलने की उम्मीद जताई।
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 76वीं कड़ी को प्रधानमंत्री ने पूरी तरह कोरोना महामारी पर केंद्रित रखा और कहा कि आज सबसे बड़ी प्राथमिकता इस बीमारी को हराना है और इसके लिए देशवासियों को सकारात्मक भाव बनाए रखना है तथा विशेषज्ञों और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देना है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों को कोविड-19 रोधी टीकों को लेकर चल रही अफवाहों से भी आगाह किया और कहा कि केंद्र सरकार पात्र नागरिकों को नि:शुल्क टीका देती रहेगी।
मोदी ने कहा, ‘‘आज आपसे ‘मन की बात’ ऐसे समय कर रहा हूं जब कोरोना हम सभी के धैर्य, हम सभी के दुःख बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। बहुत से अपने हमें असमय, छोड़कर चले गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना की पहली लहर का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौसले से भरा हुआ था, आत्मविश्वास से भरा हुआ था लेकिन इस तूफान ने देश को झकझोर दिया है।’’
उल्लेखनीय है कि रविवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड 3,49,691 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमण के मामले बढ़कर 1,69,60,172 पर पहुंच गए जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26 लाख के पार चली गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटों में 2,767 लोगों की मौत होने से मृतकों की कुल संख्या 1,92,311 पर पहुंच गई है।
देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,82,751 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.82 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 83.05 प्रतिशत रह गई है।
आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,40,85,110 हो गई है जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों इस संकट से निपटने के लिए उन्होंने देश के चिकित्सा जगत से लेकर दवा निर्माताओं और टीका निर्माताओं सहित अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों से चर्चा की और इस दौरान उन्होंने सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हमें इस लड़ाई को जीतने के लिए विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की सलाह को प्राथमिकता देनी है।’’
मोदी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाने में केंद्र सरकार पूरी शक्ति से जुटी हुई है और राज्यों की सरकारें भी अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए ‘‘सकारात्मक भाव’’ बहुत ज्यादा जरूरी है और देशवासियों को इसे बनाए रखना है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना के इस संकट काल में टीके की अहमियत सभी को पता चल रही है, इसलिए मेरा आग्रह है कि टीके को लेकर किसी भी अफ़वाह में न आएं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से सभी राज्य सरकारों को मुफ्त टीके भेजे गए हैं जिसका लाभ 45 साल की उम्र के ऊपर के लोग ले सकते हैं और अब एक मई से देश में 18 साल के ऊपर के हर व्यक्ति के लिए टीके उपलब्ध होने वाले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार की तरफ से मुफ्त टीके का जो कार्यक्रम अभी चल रहा है, वह आगे भी चलता रहेगा।’’
मोदी ने राज्यों से आग्रह किया कि वह इस मुफ्त टीका अभियान का लाभ अपने राज्य के ज्यादा-से-ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
प्रधानमंत्री ने इस बार की कड़ी में कोरोना से मुकाबला कर रहे चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कोरोना योद्धाओं से बात की और उनके अनुभव सुने।
मुंबई के चिकित्सक शशांक से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर का फर्क जानना चाहा।
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन इसके साथ ही इससे ठीक होने की रफ्तार भी ज्यादा है और मृत्यु दर काफी कम है।
शशांक ने कहा कि जैसे लोग कपड़े बदलते हैं, वैसे ही कोरोना का वायरस भी अपना रंग बदल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए बिलकुल डरने की बात नहीं है और इस लहर को भी हम पार कर लेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सही है कि कोरोना से बहुत लोग संक्रमित हो रहे हैं लेकिन, कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी उतनी ही ज्यादा है।
उन्होंने कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो चुकीं गुरुग्राम की प्रीति चतुर्वेदी से बात की और उनके अनुभव सुने।
प्रधानमंत्री ने कश्मीर के चिकित्सक नावीद नजीर शाह से भी बात की। शाह ने कोविड टीके को लेकर लोगों के भ्रम को दूर करने की कोशिश की और लोगों से अपना टीकाकरण अवश्य कराने की अपील की।
मोदी ने कहा कि इस बार की ‘मन की बात’ की कड़ी की पूरी चर्चा को उन्होंने कोरोना महामारी पर ही रखा क्योंकि आज सबसे बड़ी प्राथमिकता इस बीमारी को हराना है।
मोदी ने महावीर जयंती, रमजान, बुद्ध पूर्णिमा, गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व और टैगोर जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी हमें अपने कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एक नागरिक के तौर पर हम अपने जीवन में जितनी कुशलता से अपने कर्तव्यों को निभाएंगे, कोरोना के ताजा संकट से मुक्त होकर भविष्य के रास्ते पर उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेंगे।’’
मोदी ने लोगों से टीका लगवाने और कोरोना से बचाव के सभी उपायों का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘‘दवाई भी-कड़ाई भी’’ के मंत्र को कभी भी नहीं भूलना है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि देश साथ मिलकर जल्द ही इस आपदा से बाहर निकलेगा।
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