नयी दिल्ली, 23 सितंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य नीति और बुनियादी ढांचे पर चर्चा का राजनीतिकरण नहीं करने का शुक्रवार को आह्वान किया और कहा कि देश स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
मांडविया ने ‘पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया’ (पीएएफआई) के नौवें वार्षिक फोरम 2022 में कहा, ‘‘एक स्वस्थ भारत एक समृद्ध भारत होगा।’’ उन्होंने कहा कि एक नया भारत (न्यू इंडिया) स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत एक सशक्त राष्ट्र है और किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सक्रिय योजना से फर्क पड़ा है।
मांडविया ने कहा कि देश भर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के स्तर में सुधार के लिए देशभर में 22 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की योजना बनाई गई है।
देश में कोविड-19 के प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत में महामारी के आने से बहुत पहले ही वायरस को समझने के प्रयास शुरू कर दिए थे और इसके अनुसार योजना बनाई गई और महामारी का सामना करने के लिए पहले से तैयारी की गई थी।
भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में कमी के बारे में बात करते हुए मांडविया ने कहा, ‘‘प्रत्येक देश का अपना ‘मॉडल’ होता है जो अपने लोगों के लिए विशिष्ट होता है। भारत में, अन्य देशों की तुलना में स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च कम है। सरकार अपने लोगों के स्वास्थ्य के बारे में बहुत चिंतित है और अगले पांच वर्षों में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए प्रत्येक जिले के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।’’
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