रायपुर, एक अगस्त छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा कि आजादी के बाद देश सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है क्योंकि ‘बीते आठ सालों से लोकतांत्रिक संस्थाएं एक के बाद एक ढहाई जा रही हैं।’
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि कि मुख्यमंत्री बघेल एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में आयोजित कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को डिजिटल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। यह कॉन्फ्रेंस भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में एक अगस्त से तीन अगस्त तक ‘भारत के 75 वर्ष: एक समीक्षा’ विषय पर आयोजित की गई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने त्याग और बलिदान से यह साबित किया था कि सभी जाति, धर्म, समाज की विविधता के बीच एक राष्ट्र के रूप में हमारी एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह वही मूल्य हैं, जो हमारे संविधान की आत्मा हैं। जिनकी वजह से, तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारा लोकतंत्र जिंदा है।''
बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, ''आज हमारे लोकतांत्रिक मूल्य पर खतरा मंड़रा रहा है। हमारा देश एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जब जनता के साथ न्याय के सवाल गैरजरूरी बना दिए गए हैं और गैरजरूरी सवालों पर देश को हांकने की कोशिश हो रही है। हम धर्म के नाम पर एक विभाजित समाज का खतरा झेल रहे हैं, यह बहुत ही चिंता का विषय है।''
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘लेकिन, विडंबना है कि बीते आठ सालों से देश में लोकतांत्रिक संस्थाएं एक के बाद एक ढहाई जा रही हैं, धर्मनिरपेक्षता को सिरे से नकारा जा रहा है। आजादी के बाद का आज सबसे चुनौतीपूर्ण दौर है। लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और स्वायत्तता खत्म की जा रही है।''
बघेल ने कहा, ''इस समय देश में आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ी जा रही है, यह लड़ाई आजादी पाने की नहीं, बल्कि बचाने की लड़ाई है। छत्तीसगढ़ में हम पूरी ताकत के साथ यह लड़ाई लड़ रहे हैं।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''भारत की आजादी के बाद हम भारतीयों ने जिस संविधान को आत्मसात किया है, वह प्रत्येक नागरिक के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता सुनिश्चित करता है। वह एक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी भारत के निर्माण का हामी है।’’
बघेल ने कहा, ''जब देश आज़ाद हुआ तब अंग्रेज़ों का अनुमान था कि हम इसे संभाल नहीं पाएंगे। पहले तो वे सोचते थे कि हम आज़ादी ही नहीं ले सकेंगे, लेकिन हमारे पास गांधी नाम का एक ऐसा महामानव था, जिसने भारतीयों को याद दिलाया कि उनकी ताक़त क्या है। हमारे पास उनके नेतृत्व में अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले सैकड़ों दीवाने थे जो देश के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार थे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे पास पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने नए भारत की ऐसी नींव रखी कि आज 75 बरस बाद हम यह कह सकने के काबिल हो गए हैं कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और उभरती हुई आर्थिक ताक़त हैं। हम अंतरिक्ष से लेकर सिलिकॉन वैली तक हर जगह मौजूद हैं। हमारे पास आईआईटी है, एम्स है, आईआईएम हैं और ऐसा समाज है जिसने अंग्रेज़ों के उस सपने को धराशायी कर दिया है कि हम आज़ादी को नहीं संभाल पाएंगे।''
अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने इस दौरान राज्य की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
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