कोच्चि (केरल), 28 दिसंबर केरल में एलडीएफ सरकार की सिल्वर लाइन रेल कोरिडोर परियोजना पर विरोधाभासी रुख को लेकर शशि थरूर को कड़ी चेतावनी दिए जाने के बाद राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने मंगलवार को सांसद का यह कहते हुए समर्थन किया कि वह अब करोड़ों रुपये की इस परियोजना को लेकर यूडीएफ द्वारा जतायी चिंताओं से आश्वस्त हैं।
सतीशन ने कहा कि थरूर ने सोमवार को उस पत्र पर जवाब दे दिया है जो उन्होंने भेजा था। पत्र के साथ में परियोजना के बारे में यूडीएफ द्वारा तैयार की गई एक अध्ययन रिपोर्ट भी भेजी गयी थी और इस संबंध में उनके द्वारा जतायी चिंताओं की विस्तृत जानकारी भी दी गयी थी।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि थरूर ने पहले कहा था कि उन्होंने अभी रेल गलियारे के बारे में अध्यययन नहीं किया है और अब ऐसा लगता है कि वह हमारे रुख से आश्वस्त हैं।
सतीशन ने कहा, ‘‘पत्र में उन्होंने कहा कि यूडीएफ द्वारा उठाए सवाल प्रासंगिक हैं और यह वहीं सवाल है जो वह भी पूछना चाहते थे। थरूर ने यह भी साफ कर दिया कि उन्होंने परियोजना के लिए कभी सहयोगात्मक रुख नहीं अपनाया।’’
बहरहाल, केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने इस परियोजना का पहले समर्थन किए जाने और मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की बार-बार प्रशंसा करने के लिए थरूर की आलोचना की।
गौरतलब है कि थरूर ने पार्टी की अगुवाई वाले यूडीएफ के सासंदों द्वारा केंद्र को लिखे एक पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। यह पत्र राज्य सरकार की रेल परियोजना के खिलाफ लिखा गया था।
पार्टी के सहयोगियों की आलोचनाओं का जवाब देते हुए थरूर ने ट्वीट किया था कि कुछ मुद्दों पर राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करना आवश्यक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह सिल्वर लाइन परियोजना का अध्ययन करने के बाद इस पर अपनी राय देंगे।
केपीसीसी अध्यक्ष के. सुधाकरन ने रविवार को कहा था कि पार्टी में थरूर समेत किसी को भी उसके निर्देशों का विरोध करने का अधिकार नहीं है और उन्होंने थरूर को चेतावनी दी थी कि अगर वह पार्टी के फैसलों को नहीं मानेंगे तो उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा।
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