पटना, 19 मार्च बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से 'ठोस सबूत' मांगे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि शिक्षक भर्ती का प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ‘लीक’ हुआ था।
बीपीएससी द्वारा सोमवार को यहां जारी एक बयान में, कहा गया है कि ठोस साक्ष्य प्राप्त होने और समीक्षा के बाद ही, ‘‘15 मार्च, 2024 को आयोजित परीक्षा को लेकर आयोग द्वारा निर्णय लिया जाएगा।’’
बयान में कहा गया है कि बीपीएससी को सौंपी गई शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई)-3 के कथित पेपर लीक से संबंधित ईओयू की रिपोर्ट में ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र कथित तौर पर लीक होने की बात साबित हो सके।
बीपीएससी ने कहा कि टीआरई-3 प्रश्नपत्र के कथित तौर पर लीक होने के बाद ईओयू ने एक विशेष टीम का गठन किया था, जिसने 15 मार्च को हजारीबाग में कई स्थानों पर छापेमारी की।
प्रश्न पत्र लीक के संबंध में पहली सूचना ईओयू द्वारा आयोग को 15 मार्च को दोपहर लगभग 2.30 बजे दी गई थी। इससे पूर्व, पहली पाली की परीक्षा 12 बजे समाप्त हो गई थी और दूसरी पाली की परीक्षा 2.30 बजे शुरू हुई थी।
शिक्षक भर्ती प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच ईओयू द्वारा की जा रही है।
बयान के अनुसार, बीपीएससी ने ईओयू से प्रश्नपत्र और उत्तरों के लीक होने के संबंध में ठोस सबूत मांगे हैं। ठोस सबूत और वांछित जानकारी प्राप्त करने के बाद, आयोग 15 मार्च को आयोजित परीक्षा के संबंध में निर्णय करेगा।
बीपीएससी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, ईओयू (बिहार पुलिस) के अपर महानिदेशक (एडीजी) एन हसनैन खान ने पीटीआई- को बताया, “हमने टीआरई-3 के कथित पेपर लीक मामले में प्राथमिकी दर्ज की और 266 लोगों को गिरफ्तार किया। हमने बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से जांच की और मामले से संबंधित सबूत एकत्र किए। सभी साक्ष्य सक्षम अदालत के समक्ष भी प्रस्तुत किये गये। अब, आगे की जांच जारी है... ईओयू की जांच बहुत संवेदनशील चरण में है।''
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