ताजा खबरें | देश में कोविड मृत्यु दर घट कर एक फीसदी से नीचे लाने का लक्ष्य : स्वास्थ्य मंत्री

नयी दिल्ली, 17 सितंबर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोविड-19 से होने वाली मौत की दर फिलहाल, दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम (1.64) फीसदी है और सरकार का लक्ष्य इस मृत्यु दर को घटा कर एक फीसदी से भी कम करने का है।

कोरोना वायरस महामारी पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा कि भारत में कोविड मरीजों के स्वस्थ होने की दर 78 से 79 फीसदी है। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 से स्वस्थ होने की उच्च दर वाले गिने-चुने देशों में शामिल है।

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हर्षवर्द्धन ने कहा कि कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या भले अधिक हो लेकिन अस्पतालों में इलाज करा रहे कोविड मरीजों की संख्या 20 फीसदी से कम है।

उन्होंने कहा कि भारत में कोविड महामारी की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या यूरोप के कई देशों की तुलना में कम है।

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मंत्री ने कहा कि सरकार भारत में अमेरिका की तुलना में अधिक कोविड जांच करने पर विचार कर रही है।

हर्षवर्द्धन ने कहा कि अगले साल के शुरू में कोरोना वायरस का टीका देश में तैयार हो जाने की उम्मीद है लेकिन तब तक लोगों के लिए मास्क पहनने और सुरक्षित दूरी जैसी सावधानियों का पालन करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि कोविड के मामलों में वृद्धि के बावजूद देश में मृत्यु दर का दुनिया के देशों की तुलना में कम होने का श्रेय जांच, संक्रमित लोगों को पृथक-वास में रखने, सुरक्षित दूरी जैसे उपायों को दिया जा सकता है।

उन्होने स्पेन और ब्राजील का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में भारत की तुलना में मृत्यु दर 11 फीसदी अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में मृत्यु दर घटा कर एक फीसदी से भी कम करने का लक्ष्य रखा है।

हर्षवर्द्धन ने कहा ‘‘135 करोड़ की आबादी वाले देश में हम अब 11 लाख जांच कर रहे हैं तथा जांच के संदर्भ में अमेरिका के बाद हमारा दूसरा स्थान है। यह कोविड के खिलाफ लड़ाई में एकजुट और समन्वित प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है।’’

टीके के विकास के संबंध में हर्षवर्द्धन ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय , आईसीएमआर और दवा कंपनियां मिल कर एक साथ इसकी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं निजी तौर पर इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा ‘‘भविष्य में टीका आ सकता है। स्थिति के प्रबंधन के लिए गहन योजना चलाई जा रही है। ’’

सदन में इस दौरान ध्वनि प्रणाली में व्यवधान आने के कारण राज्यसभा सदस्यों ने कुछ सुनाई न देने की शिकायत की और मंत्री का जवाब बाधित हुआ। वह लोकसभा में आवंटित अपनी सीट से बोल रहे थे। कुछ मिनट के व्यवधान के बाद हर्षवर्द्धन ने कहा कि फिलहाल तीन टीका अभ्यर्थी हैं जो परीक्षण के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में हैं।

हर्षवर्द्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह इसका अध्ययन कर रहा है। ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले साल के शुरू में हम देश में कोविड का टीका तैयार कर सकेंगे। इस सिलसिले में हम विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैश्विक संगठनों से सामंजस्य एवं समन्वय कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन गिने चुने देशों में से एक है जो वायरस को अलग कर पाए हैं।

हर्षवर्द्धन ने कहा कि महामारी के देश में फैलने के बाद से ही केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ पूरे तालमेल के साथ काम कर रही है। इस अवधि में सभी निर्णय राज्य सरकारों को भरोसे में लेने के बाद किए गए ।

उन्होंने कहा ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि पिछले आठ माह में पूरे देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।’’

लॉकडाउन को ऐतिहासिक कदम बताते हुए हर्षवर्द्धन ने कहा कि इसने लोगों को महामारी से लड़ना सिखाया ।

कोरोना योद्धाओं और उनके परिवार वालों की तारीफ करते हुए हर्षवर्द्धन ने कहा कि इन लोगों की जितनी सराहना की जाए, कम है।

उन्होंने कहा कि कठिन आर्थिक स्थिति में भी प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 15,000 करोड़ रुपये, गरीबों के लिए पैकेज के तौर पर 1.7 लाख करोड़ रुपये और आत्मनिर्भर पहल के लिए 20 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इनके अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिये भी लोगों की मदद की गई।

मनीषा

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