नयी दिल्ली, 21 फरवरी तमिलनाडु सरकार ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) को पुनर्निर्धारित तारीखों पर राज्य में ‘मार्च’ निकालने की अनुमति देने संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
राज्य सरकार ने शीर्ष न्यायालय में अपनी याचिका में कहा है कि यह मार्च कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करेगा और उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।
मद्रास उच्च न्यायालय ने आरएसएस को पुनर्निर्धारित तारीखों पर अपना मार्च निकालने की 10 फरवरी को अनुमति दी थी और कहा था कि प्रदर्शन स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
एकल न्यायाधीश के चार नवंबर, 2022 के आदेश को निरस्त करते हुए अदालत ने 22 सितंबर, 2022 के उस आदेश को बहाल कर दिया, जिसमें मार्च निकालने और एक जनसभा आयोजित करने की अनुमति से संबंधित आरएसएस के अनुरोध पर तमिलनाडु पुलिस को विचार करने का निर्देश दिया गया था।
एकल न्यायाधीश के आदेश में प्रस्तावित राज्यव्यापी मार्च पर शर्तें लगाई गई थीं और इसे बंद जगह में आयोजित करने को कहा गया था।
अदालत ने अपीलकर्ताओं को मार्च/शांतिपूर्ण जुलूस आयोजित करने के उद्देश्य से तीन अलग-अलग तिथियों के साथ राज्य के अधिकारियों से संपर्क करने को कहा था। साथ ही, राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे इन तीन तिथियों में से चयनित की गई एक तिथि पर मार्च/शांतिपूर्ण जुलूस आयोजित करने की अनुमति प्रदान करें।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)