देश की खबरें | तमिलनाडु विधानसभा ने मदुरै में ‘टंगस्टन खनन अधिकार’ रद्द करने का केंद्र से आग्रह किया

चेन्नई, नौ दिसंबर तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को गहन चर्चा के बाद एक प्रस्ताव पारित करके केंद्र से अनुरोध किया कि वह राज्य में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को दिए गए टंगस्टन खनन अधिकार को तुरंत रद्द करे।

मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए दृढ़ता से कहा कि वह किसी भी कीमत पर खनन की अनुमति नहीं देंगे, क्योंकि इससे लोगों की आजीविका प्रभावित होती है और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

जब नेता प्रतिपक्ष ई. के. पलानीस्वामी ने राज्य सरकार पर 10 महीने तक ‘‘चुप रहने’’ और मदुरै के मेलूर में प्रभावित क्षेत्रों के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू करने के बाद ही कार्रवाई करने का निर्णय लेने का आरोप लगाया, तो स्टालिन ने कहा, ‘‘किसी भी परिस्थिति में टंगस्टन खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर यह (परियोजना) शुरू होती है, तो मैं इस पद (मुख्यमंत्री) पर नहीं रहूंगा।’’

राज्य के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रारंभिक स्तर पर इसका विरोध न करने का निर्णय लिया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र ने तीन अक्टूबर, 2023 को तमिलनाडु सरकार द्वारा टंगस्टन खनन के कदम पर उठाई गई आपत्ति और चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया और नीलामी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।

प्रस्ताव के अनुसार, मदुरै जिले के मेलुर तालुक के नायकरपट्टी गांव में टंगस्टन खदान स्थापित करने के लिए हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को खनन अधिकार देना निंदनीय है।

इस बात की ओर इशारा करने के बावजूद कि जिस क्षेत्र में अधिकार दिए गए हैं, उसे राज्य सरकार ने 2022 में जैव-विविधता विरासत स्थल घोषित किया था, केंद्र ने खनन गतिविधियों के अधिकार दिए।

प्रस्ताव में कहा गया है, "इन सभी मुद्दों पर विचार करते हुए और क्षेत्र तथा वहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को दिए गए टंगस्टन खनन अधिकारों को रद्द करने का आग्रह किया है।"

इन परिस्थितियों में, तमिलनाडु विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से मदुरै जिले के मेलुर तालुक के नायकरपट्टी गांव में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को दिए गए टंगस्टन खनन अधिकारों को तुरंत रद्द करने और राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोई खनन लाइसेंस न देने का आग्रह करती है।

पलानीस्वामी ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार की कथित चुप्पी पर सवाल उठाते हुए जानना चाहा कि फरवरी 2024 से सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) क्या कर रही थी, जब ब्लॉक की पहली बार नीलामी की गई थी और सात नवंबर को परिणाम घोषित किया गया था।

पलानीस्वामी ने दावा किया, "आप संसद में बड़ी संख्या में सांसदों के होने का दावा करते हैं। जैसा कि हमारे सदस्यों ने कावेरी जल मुद्दे पर किया था यदि उसी तरह आपके सांसदों ने कार्यवाही को रोक दिया होता तो नीलामी को अंतिम रूप नहीं दिया गया होता और लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती।"

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