विदेश की खबरें | चीन के साथ तनाव के बीच ताइवान सैन्य अभ्यास कर रहा है
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

हुआलीन (ताइवान), 17 अगस्त (एपी) चीन के साथ तनाव के बीच ताइवान अपनी क्षमता दिखाने के लिए सैन्य अभ्यास कर रहा है।

ताइवान स्वशासित द्वीप पर चीन के राजनीतिक नियंत्रण को स्वीकार करने के लिए बीजिंग के दबाव का विरोध करने के वास्ते अपनी क्षमता को सैन्य अभ्यास के जरिये प्रदर्शित कर रहा है।

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ के जहाजों और विमानों द्वारा ताइवान के समुद्री और हवाई क्षेत्र में चीनी मिसाइलों को दागने के कुछ दिनों के बाद दक्षिणपूर्वी काउंटी हुआलीन में बुधवार को सैन्य अभ्यास किया गया।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुन ली-फेंग ने हुआलीन वायुसेना अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम ताइवान के समुद्री और हवाई क्षेत्रों के आसपास कम्युनिस्ट चीन के लगातार सैन्य उकसावे की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं जो क्षेत्रीय शांति को प्रभावित करता है।’’

फेंग ने कहा, ‘‘कम्युनिस्ट चीन के सैन्य अभियान हमें युद्ध के लिए तैयारी के प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करते हैं।’’

ताइवान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जोआन ओ ने कहा कि चीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी सहित अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों की हाल की यात्राओं का इस्तेमाल उसकी शर्तों को स्वीकार करने के लिए ताइवान को डराने धमकाने के प्रयासों के तहत एक बहाने के रूप में कर रहा है।

जोआन ओ ने कहा, ‘‘चीन ने इन आधारों पर सैन्य उकसावे की शुरुआत की। यह बेतुका और एक बर्बर कृत्य है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को भी कमजोर करता है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन और वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रभावित करता है।’’

चीन ने ताइवान की राजनीतिक हस्तियों पर मंगलवार को वीजा प्रतिबंध और अन्य प्रतिबंध लगाए। चीन ताइवान पर कोई प्रभावी कानूनी अधिकार नहीं रखता है और यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंधों का क्या प्रभाव पड़ेगा।

चीन ने वाशिंगटन पर अमेरिकी राजनीतिक नेताओं और ताइवान की सरकार के बीच हथियारों की बिक्री के माध्यम से द्वीप की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

अमेरिका का कहना है कि वह स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है और ताइवान के साथ उसका कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन वह कानूनी रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि ताइवान चीन से होने वाले खतरों के खिलाफ अपनी रक्षा कर सके।

एपी

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