नयी दिल्ली, 27 जून केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी के तहत क्रेडिट नोट के माध्यम से बिक्री बाद छूट देने वाले आपूर्तिकर्ताओं के लिए नियम में बदलाव किया है। उन्हें अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक शपथ पत्र या चार्टर्ड अकाउंटेंट का प्रमाण पत्र देकर यह बताएं कि छूट मूल्य पर प्राप्त आईटीसी लाभ को वापस कर दिया गया है।
वर्तमान में, इस बात पर नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं है कि ऐसी छूट पर इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) वापस किया गया है या नहीं।
आपूर्तिकर्ताओं के साथ-साथ कर अधिकारियों के लिए आईटीसी लाभ वापसी को सत्यापित करने के लिए सामान्य पोर्टल पर जबतक सुविधा उपलब्ध नहीं होती है, तब तक आपूर्तिकर्ता, आपूर्ति प्राप्त करने वाले से चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) या कॉस्ट अकाउंटेंट द्वारा जारी एक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है। इसमें यह जिक्र होना चाहिए कि प्राप्तकर्ता ने आपूर्तिकर्ता की तरफ से जारी क्रेडिट नोट के संबंध में आनुपातिक आधार पर आईटीसी का लाभ वापस कर दिया है।
ऐसे मामलों में, जहां एक वित्त वर्ष में टैक्स क्रेडिट नोट के माध्यम से प्राप्तकर्ता को आपूर्तिकर्ता द्वारा दी गई छूट में शामिल कर की राशि (सीजीएसटी + एसजीएसटी + आईजीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर) पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो उसे चार्टर्ड अकाउंटेंट या कॉस्ट अकाउंटेंट से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में आपूर्तिकर्ता को संबंधित प्राप्तकर्ता से केवल शपथपत्र लेने की जरूरत होगी।
मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि परिपत्र पूर्व की तिथि से है। यह 2017 से इस मुद्दे पर सभी मांगों को प्रभावित कर रहा है। इस मामले को लेकर कानूनी विवाद में फंसे करदाता राहत के लिए इस स्पष्टीकरण का लाभ उठा सकते हैं।
मोहन ने कहा, ‘‘आने वाले समय में क्रेडिट नोट जारी करने की प्रक्रिया स्पष्ट होने से उद्योग को काफी लाभ होगा...।’’
एक अलग परिपत्र में सीबीआईसी ने स्पष्ट किया कि दावा निपटान के अंतर्गत ‘रिम्बर्समेंट मोड’ के तहत मोटर वाहन मरम्मत पर खर्चों के संबंध में बीमा कंपनियों के लिए आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) उपलब्ध है।
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