पुल-ए-आलम, 1 मई : देश के लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम में शुक्रवार देर रात हुए इस हमले की किसी ने तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है. इस बारे में भी अभी कुछ पता नहीं चल पाया है कि अतिथि गृह को निशाना क्यों बनाया गया. अफगानिस्तान (Afghanistan) में सरकार द्वारा अतिथि गृहों में रहने की नि:शुल्क सुविधा दी जाती है और यह सुविधा आम तौर पर गरीबों, यात्रियों तथा छात्रों को दी जाती है. गृह मंत्रालय ने इस हमले के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन तालिबान ने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है.
यह हमला उस आधिकारिक तिथि से एक दिन पहले हुआ है, जब अफगानिस्तान से अमेरिका (America) और नाटो बलों की वापसी की प्रक्रिया शुरू होनी है. तालिबान ने एक मई तक सभी अमेरिकी बलों की वापसी की मांग की है. उसने वापस जाने वाले बलों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दी है. लोगार प्रांत में अमेरिकी या नाटो बल तैनात नहीं हैं. यह भी पढ़ें : America White House: सैन्य सुरक्षा के लिए अफगानिस्तान में अमेरिका करेगा अतिरिक्त बलों की तैनाती
लोगार प्रांत परिषद के प्रमुख हासिब स्तानकजोई ने बताया कि हमले के समय स्थानीय पुलिस का एक समूह वहां ठहरा हुआ था और कुछ कमरों में दूरस्थ जिलों से विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा देने आए छात्र रुके थे. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन ने कहा कि हमले की जांच जारी है. उन्होंने बताया कि इस हमले में अतिथि गृह की छत ढह गई तथा मलबे में और शवों के दबे होने की आशंका है.