जयपुर, आठ जून राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने शनिवार को कहा कि विद्यार्थी कृषि शिक्षा का उपयोग कृषि अर्थव्यवस्था के जरिए देश के सुदृढ़ीकरण मे करें और ‘विकसित भारत 2047’ के लिए युवाओं को महती भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कृषि में नवाचार अपनाते हुए कार्य किए जाने पर भी जोर दिया।
मिश्र जोधपुर के कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह और वहां संविधान पार्क के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई) के उपयोग से कृषि की वैश्विक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कृषि वैज्ञानिकों से जलवायु अनुरूप कृषि के विकास के लिए भी कार्य करने की आवश्यकता जताई।
उन्होंने संविधान को सर्वोच्च बताते हुए अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहने का आह्वान किया।
राजभवन के प्रवक्ता के अनुसार कार्यक्रम में मिश्र ने कहा, ‘‘आज देश तेजी से विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। कृषि क्षेत्र की इसमें बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए कृषि शिक्षा के जरिए देश के भावी विकास की योजनाओं के विद्यार्थी सहभागी बनें।’’
इसके साथ ही, उन्होंने संविधान की मूल प्रति पर उकेरे चित्रों के संदर्भ में युवाओं को भारतीय उदात्त जीवन मूल्यों से जुड़ने पर भी जोर दिया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया जिनसे युवा रोजगार तलाशने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनें।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। हम एक ऐसी रणनीति विकसित करें, जिससे खेती समग्र रूप में देश के लिए लाभकारी हो। साथ ही, कृषि शिक्षा में पारंपरिक कृषि से आधुनिक तकनीक की शिक्षा पर ध्यान देते हुए कार्य किया जाए।’’
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर चौधरी ने कहा, ‘‘यह विश्वविद्यालय बहु-सकाय संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हुआ है। यहां कृषि के अतिरिक्त डेयरी प्रौद्योगिकी, कृषि अभियांत्रिकी तथा खाद्य प्रौद्योगिकी के पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।’’
दीक्षांत समारोह के दौरान मिश्र ने स्नातक की 165, स्नातकोत्तर की 18, पीएचडी की तीन डिग्री और टॉपर को आठ स्वर्ण पदक प्रदान किए।
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