देश की खबरें | दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हुई
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, एक नवंबर दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई। यह इस मौसम में सबसे ज्यादा स्तर है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने बताया कि शनिवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 3216 घटनाएं देखी गईं।

यह भी पढ़े | Kamal Nath ‘Item’ Row: कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ‘आइटम’ वाले बयान पर जताया खेद, बोलें- किसी का अपमान करने के लिए नहीं कहा था.

दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई। यह इस मौसम में सबसे ज्यादा है। यह शनिवार को 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और बृहस्पतिवार को 36 प्रतिशत थी।

सफर के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एक नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी जो सबसे ज्यादा थी।

यह भी पढ़े | कोरोना वायरस के राजस्थान में 1,754 नए केस पाए गए, 10 की मौत: 1 नवंबर 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.

नासा के उपग्रहों से ली गई तस्वीरों में दिख रहा है कि पंजाब और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्सों में पराली जल रही है।

सफर ने कहा कि हालांकि हवा की दिशा प्रदूषण के अनुकूल होने के बाद भी वायु गुणवत्ता और खराब नहीं हुई। दिल्ली में आग जलाने से होने वाले प्रदूषण की उच्च स्थिति बने रहने की आशंका है।

सफर ने पूर्वानुमान लगाया है कि अगले दो दिनों में हवा की गति बेहतर रहेगी, लेकिन समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में मामूली सुधार होने की संभावना है और यह भी पराली जलाने पर निर्भर है। हवा की गुणवत्ता तीन नवंबर को खराब हो सकती है।

शहर में दोपहर तीन बजे एक्यूआई 370 था। शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 367 रहा। यह शुक्रवार को 374, बृहस्पतिवार को 395 और बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 था।

उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच को 'मध्यम', 201 और 300 के बीच को 'खराब', 301 और 400 के बीच को 'बेहद खराब' तथा 401 से 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)