पणजी, 15 जुलाई गोवा पुलिस विभाग ने अपने कर्मियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अब से वाहनों को तभी रोका जाए, जब कोई यातायात के नियमों का उल्लंघन ‘‘स्पष्ट रूप से’’ करता दिखे ताकि वाहन चालकों को ‘‘अनुचित परेशानी और असुविधा’’ का सामना नहीं करना पड़े।
साथ ही, किसी भी यातायात उल्लंघन के मामले में केवल पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) या पुलिस निरीक्षक ही मोटर चालकों का चालान करें।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) ओमवीर सिंह ने बृहस्पतिवार को जारी परिपत्र में ये निर्देश दिए हैं। राज्य विधान सभा के मौजूदा सत्र के दौरान विभिन्न दलों के विधायकों के यह मुद्दा उठाने के बाद यह आदेश आया है।
आईजीपी के आदेश में कहा गया है, ‘‘यह बताया गया है कि यातायात पुलिस वाहनों या मोटर चालकों के आवश्यक दस्तावेजों की जांच के लिए अनावश्यक और बेवजह वाहनों को रोकती है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘लेकिन आम जनता का आरोप है कि इससे उन्हें अनुचित परेशानी और असुविधा होती है। पुलिस लोगों की सेवा और समस्या सुलझाने के लिए है। यातायात पुलिस की मुख्य भूमिका यातायात की आवाजाही की निगरानी और यातायात का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना है।’’
आदेश में कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आगे से यातायात उल्लंघन स्पष्ट रूप से दिखाई देने पर ही वाहनों को रोका जाए। आईजीपी ने कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों का संबंधित उपाधीक्षक, यातायात और पुलिस निरीक्षक सख्ती से चालान करें। आदेश में कहा गया है कि किसी अन्य पुलिस कर्मी को ऐसा करने की अनुमति नहीं है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)