हत्या, चोरी, झगड़े से जुड़े मामलों से निपटने के बाद नये सिरे से निशानेबाजी शुरू कर रहा हूं: विजय कुमार

ओलंपिक रजत पदक विजेता निशानेबाज से कानून प्रवर्तन अधिकारी बने विजय कुमार को चोरी, विवाद और ‘यहां तक की हत्या’ से जुड़े मामलों से निपटने के लिए बार-बार अदालत जाना पड़ता है लेकिन वह खेल में फिर से वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं.

विजय कुमार (Photo Credits: facebook )

नयी दिल्ली, 24 नवंबर : ओलंपिक रजत पदक विजेता निशानेबाज से कानून प्रवर्तन अधिकारी बने विजय कुमार को चोरी, विवाद और ‘यहां तक की हत्या’ से जुड़े मामलों से निपटने के लिए बार-बार अदालत जाना पड़ता है लेकिन वह खेल में फिर से वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं. शिमला में हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के रूप में तैनात, विजय ने पांच साल के अंतराल के बाद प्रतिस्पर्धी निशानेबाजी में वापसी की है.

वह लंदन ओलंपिक खेलों में पुरुषों के 25 रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में रजत पदक जीतने के एक दशक के बाद फिर से ‘शून्य से अपने सफर को शुरू’ करेंगे. पिछले कई वर्षों से वह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रहे है. उससे पहले उन्होंने कुछ साल इसके प्रशिक्षण में बिताया. पुलिस सेवा से जुड़ने से पहले वह 16 वर्षों तक भारतीय सेना से जुड़े रहे. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: छात्रा ने गणित के प्रोफेसर पर लगाया सेक्स रैकेट चलाने का आरोप, किए बड़े खुलासे

पेरिस ओलंपिक 2024 का टिकट कटाने की कोशिश कर रहे इस निशानेबाज के सामने सबसे पहली चुनौती मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप है.

विजय ने पीटीआई- को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहा हूं. मैं शून्य से शुरुआत कर रहा हूं क्योंकि मैं पांच साल बाद खेल में वापस आ रहा हूं.’’

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