चेन्नई, दो अगस्त केन्द्र की नई शिक्षा नीति, 2020 पर हमला जारी रखते हुए द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने रविवार को आरोप लगाया कि अगर यह नीति लागू की गई तो एक दशक में शिक्षा सिर्फ कुछ लोगों तक सिमट कर रह जाएगी।
उन्होंने नई शिक्षा नीति बहुमुखी प्रतिभा का विकास सुनिश्चित करेगी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे पर सवाल उठाते हुए, सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक से भी इसका विरोध करने को कहा।
यह भी पढ़े | राजस्थान: न्यायिक सेवा में MBS को पांच फीसदी आरक्षण के लिए नियमों में संशोधन को कैबिनेट से मिली मंजूरी.
कुछ शिक्षाविदों और अन्य लोगों के साथ सुधार पर ऑनलाइन चर्चा करते हुए स्टालिन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का कहना है कि यह (शिक्षा नीति) नौकरी चाहने वालों की जगह नौकरी देने वाले तैयार करेगी। ऐसा नहीं है। मैं कहना चाहूंगा कि सरकार लोगों के लिए रोजगार सृजन करने के अपने फर्ज से मुंह मोड़ रही है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा था कि नई शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य रोजगार मांगने वालों की जगह रोजगार देने वालों को तैयार करना और देश की शिक्षा प्रणाली के प्रयोजन तथा विषय-वस्तु में परिवर्तन का प्रयास करना है।
यह भी पढ़े | उत्तराखंड में आज COVID-19 के 146 नए मामले सामने आए : 2 अगस्त 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.
स्टालिन ने कहा कि मोदी के दावे के विपरीत ‘‘शिक्षा सभी को उपलब्ध नहीं होगी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘अगर यह शिक्षा नीति लागू की जाती है तो 10 साल में शिक्षा महज कुछ लोगों के बीच सिमट कर रह जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि गांव बर्बाद हो जाएंगे, ‘‘गरीब और गरीब हो जाएंगे।’’
यह आश्वासन देते हुए कि उनकी पार्टी शिक्षा सुधारों के विरोध में है विधानसभा में विपक्ष के नेता चाहते हैं कि सरकार भी इसके खिलाफ खड़ी हो।
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु सरकार को भी शिक्षा नीति को खारिज करना चाहिए।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)