कोलंबो, 20 जुलाई श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने तथा इसे और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भारत के शीर्ष नेताओं से बातचीत के लिए बृहस्पतिवार को भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे।
आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में पिछले साल जुलाई में जनता के आंदोलन के बाद गोटबाया राजपक्षे के हटने पर राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्ति के बाद विक्रमसिंघे की यह पहली भारत यात्रा होगी।
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर भारत की आधिकारिक यात्रा करने जा रहे हैं।
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
यात्रा के दौरान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और आपसी हित के कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे।
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह यात्रा लंबे समय से जारी द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाएगी और मजबूत करेगी।’’
नयी दिल्ली में एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ और ‘विजन सागर’ में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
विक्रमसिंघे ने भारत के साथ अच्छे संबंधों पर जोर दिया है और इसे अपनी विदेश नीति का प्रमुख मुद्दा बनाया है।
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