विदेश की खबरें | स्पुतनिक वी कोविड वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी तो है, पर अभी कुछ सवाल बाकी

सिडनी, 28 जुलाई (द कन्वरसेशन) रूस एक कोविड वैक्सीन पंजीकृत करने वाला दुनिया का पहला देश था, इसके स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगस्त 2020 में स्पुतनिक वी वैक्सीन को आपातकालीन स्वीकृति दी थी।

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय ने रूस की इस वैक्सीन को संदेह की नजर से देखा था क्योंकि यह चरण 1 और 2 परीक्षणों के परिणाम प्रकाशित होने से एक महीने पहले ही मंजूर कर ली गई थी।

क्लिनिकल ​​परीक्षणों और टीकाकरण के बढ़ते वास्तविक आंकड़ों से पता चलता है कि टीका सुरक्षित और बहुत प्रभावी है। लेकिन वैक्सीन को लेकर कई प्रश्न हैं, जैसे कि क्या यह एस्ट्राजेनेका के टीके के साथ जुड़ी दुर्लभ रक्त के थक्के की स्थिति से संबद्ध है, और यह कोरोनोवायरस के वेरिएंटस के खिलाफ कितना अच्छा प्रदर्शन करती है।

तो स्पुतनिक वी किस तरह का टीका है, यह कैसे काम करता है, और हमारे पास इसके बारे में कौन सा डेटा है?

स्पुतनिक वी कैसे काम करता है?

स्पुतनिक वी को द गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा डिजाइन किया गया था। इसका अपना खुद का ट्विटर अकाउंट है जो ‘‘दुनिया की पहली पंजीकृत कोविड-19 वैक्सीन’’ के रूप में अपना विज्ञापन करता है और रूस, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना और यूएई सहित 69 देशों में इसे मंजूरी प्राप्त है।

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की तरह, वैक्सीन का आधार एडेनोवायरस का एक हानिरहित रूप है, जो कई वायरस में से एक है जो सामान्य सर्दी का कारण बन सकता है।

एडेनोवायरस हमारी कोशिकाओं को निर्देश देने के लिए डीएनए के लिए एक पैकेजिंग सिस्टम के रूप में कार्य करता है। यह डीएनए कोशिकाओं को सार्स-कोव-2 से स्पाइक प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है। तब प्रतिरक्षा प्रणाली को स्पाइक प्रोटीन के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जो वास्तविक सार्स-कोव-2 वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है।

अन्य एडेनोवायरस-आधारित टीकों के विपरीत, स्पुतनिक वी पहली और दूसरी खुराक के लिए दो अलग-अलग एडेनोवायरस का उपयोग करता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि लोग वैक्सीन के पहले शॉट में इस्तेमाल किए गए एडेनोवायरस वेक्टर के खिलाफ एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित कर सकते हैं, जो संभवतः समग्र प्रभावशीलता को कम कर सकता है।

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए आमतौर पर अनुशंसित 8-12 सप्ताह के बजाय इसकी दो खुराक तीन सप्ताह के अंतर से दी जाती है।

स्पुतनिक वी को एमआरएनए-आधारित टीकों की तरह अति-ठंडे तापमान की आवश्यकता नहीं होती है, जो इसे टीकों के लिए बेताब कई देशों के लिए प्रमुख आकर्षण बनाती है। कुछ अन्य टीकों के विपरीत, गामालेया अपने निर्माण प्लेटफार्म को साझा करने के लिए तैयार है।

स्पुतनिक वी कोविड-19 के खिलाफ कितनी अच्छी तरह काम करता है?

चरण 1 और 2 के क्लिनिकल ​ट्रायल्स के आंकड़े सितंबर में प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिका द लैंसेट में प्रकाशित हुए थे। इन आंकड़ों में वैक्सीन के संबंध में कोई बड़ी प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं दिखाई, और साइड इफेक्ट भी वही थे, जो अन्य कोविड-19 टीकों के लिए सामान्य थे। ये मुख्य रूप से बुखार, सिरदर्द और इंजेक्शन की जगह पर दर्द थे।

इस साल फरवरी में द लैंसेट में प्रकाशित बड़े चरण 3 के परीक्षण के परिणाम सबसे प्रभावशाली थे, जिसमें बीमारी के लक्षण वाले संक्रमण के खिलाफ 91.6 प्रतिशत प्रभावकारिता की सूचना दी गई थी। यह स्पुतनिक को फाइजर और मॉडर्न द्वारा एमआरएनए टीकों के बराबर रखता है, जिसके लिए मूल प्रभावकारिता क्रमशः 95 प्रतिशत और 94.1 प्रतिशत थी।

चरण 3 के परीक्षण के परिणामों ने यह भी सुझाव दिया कि 79.4 प्रतिशत की प्रभावकारिता के साथ स्पुतनिक की एकल खुराक भी सुरक्षात्मक थी। इसके बाद कुछ देशों ने ‘‘स्पुतनिक लाइट’’ को मंजूरी दी, एकल खुराक की प्रभावकारिता से स्पुतनिक वी की दूसरी खुराक के निर्माण से कुछ मुद्दे हल हो गए। स्पुतनिक वी की पहली और दूसरी खुराक में उपयोग किए जाने वाले दो अलग-अलग एडेनोवायरस का उत्पादन करने के लिए दो अलग अलग सेल कल्चर की आवश्यकता होती है। केवल एक ही प्रकार के एडेनोवायरस का उत्पादन करने से वैक्सीन का निर्माण व्यवस्थित होता है।

इन परीक्षणों से परे, गामालेया की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि लगभग 38 लाख रूसियों को दिए गए टीके के वास्तविक विश्व विश्लेषण ने संक्रमण के खिलाफ 97.6 प्रतिशत की प्रभावकारिता दी। इस आधार पर गामालेया ने दावा किया कि स्पुतनिक वी ‘‘दुनिया का सबसे प्रभावी टीका’’ है।

उत्साहजनक प्रभावकारिता परिणामों के बावजूद, अभी भी कुछ चिंताएँ हैं। दोनों चरण 1 और 2 के सुरक्षा परीक्षण, और चरण 3 के प्रभावकारिता परीक्षण के मूल आंकड़े या उनके अध्ययन स्वरूप के पूर्ण विवरण, साथ ही प्रकाशित डेटा में विसंगतियों को साझा नहीं करना आलोचना का विषय रहा है।

स्पुतनिक वी को अभी तक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, जिसका अर्थ है कि इसका उपयोग कोविड वैक्सीन की वैश्विक पहुंच पहल कोवैक्स द्वारा नहीं किया जा सकता है। गामालेया ने अभी तक ईएमए को यह अनुमोदन प्राप्त करने के लिए जरूरी वैक्सीन के विनिर्माण और क्लिनिकल ​​डेटा प्रदान नहीं किया है।

स्पुतनिक वी के बारे में अनुत्तरित प्रश्न क्या हैं?

वैक्सीन के साथ कई मुद्दे जुड़े हैं।

विशेष महत्व का सवाल यह है कि क्या यह बहुत दुर्लभ रक्त के थक्के की स्थिति से जुड़ा है जिसे एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन टीकों से जोड़ा गया है, जो एडेनोवायरस वैक्टर का ही उपयोग करते हैं।

गामालेया का दावा है कि जितने भी लोगों को स्पुतनिक वी वैक्सीन दी गई है, उनमें से किसी को भी ऐसा होने की कोई सूचना नहीं मिली है। अर्जेंटीना में स्पुतनिक वी की 28 लाख खुराक देने के बाद का विश्लेषण इसका समर्थन करता है। अर्जेंटीना के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से घोषित परिणामों में टीकाकरण से जुड़ी किसी भी मौत की सूचना नहीं दी गई और ज्यादातर हल्के प्रतिकूल प्रभाव देखे गए हैं।

और क्लिनिकल टायल्स में भी स्पुतनिक वी और इस स्थिति के बीच संबंध का कोई संकेत नहीं था।

हालांकि, पूरी तरह से आश्वस्त होने के लिए वास्तविक स्थिति से जुड़ा पर्याप्त डेटा प्रकाशित नहीं हुआ है। यह डेटा सामने आने पर ही शोधकर्ता इस बारे में किसी नतीजे पर पहुंच सकेंगे।

यह भी स्पष्ट नहीं है कि डेल्टा जैसे तेजी से फैलते बीमारी के स्वरूपों के खिलाफ स्पुतनिक वैक्सीन कितना अच्छा प्रदर्शन करती है। इनमें से कुछ प्रकार आंशिक रूप से कोविड टीकों द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने में सक्षम हैं।

जुलाई में प्रकाशित शोध ने स्पुतनिक वी के टीकाकरण वाले लोगों के रक्त में एंटीबॉडी की जांच की ताकि यह देखा जा सके कि यह अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा रूपों के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करता है। यह पाया गया कि संक्रमण को रोकने के लिए उनकी एंटीबॉडी की क्षमता में कमी आई है। यह स्पष्ट नहीं है कि यह कमी अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता को कैसे प्रभावित करेगी, क्योंकि हम अभी भी इस पर प्रकाशित वास्तविक विश्व डेटा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

स्पुतनिक के वेरिएंट के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी होने के दावों की पुष्टि होने से पहले हमें आगे के अध्ययनों की आवश्यकता है जो विभिन्न टीकों के साथ टीकाकरण वाले लोगों के रक्त के नमूनों की सीधे तुलना करते हैं। हमें वेरिएंट के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता का वास्तविक विश्व विश्लेषण भी देखना होगा, जैसे कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका के साथ किया गया।

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