वाशिंगटन, 12 नवंबर : बाइडन प्रशासन ने एक और आव्रजन अनुकूल कदम उठाया है और एच-1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को काम करने के अधिकार संबंधी मंजूरी स्वत: मिलने पर सहमति जताई है. इस कदम का लाभ हजारों भारतीय-अमेरिकी महिलाओं को मिलेगा. एच-1बी वीजा धारकों में बड़ी संख्या भारतीय आईटी पेशेवरों की है.
एच-4 वीजा, अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं द्वारा एच-1बी वीजा धारकों के निकटतम परिजनों (जीवनसाथी और 21 साल से कम उम्र के बच्चे) को जारी किया जाता है. यह वीजा सामान्य तौर पर उन लोगों को जारी किया जाता है जो अमेरिका में रोजगार आधारित वैधानिक स्थायी निवासी दर्जे की प्रक्रिया पहले ही आरंभ कर चुके हैं. यह भी पढ़ें : प्रवर्तन निदेशालय ने आईआरईओ समूह के ललित गोयल को हिरासत में लिया
एच-1बी वीजा गैर-आव्रजन वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को रोजगार देने की इजाजत देता है. इनके बूते प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर वर्ष हजारों लोगों को नौकरी पर रखती हैं. आव्रजकों के जीवनसाथियों की ओर से कुछ महीने पहले ‘अमेरिकन इमीग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन’ ने मुकदमा दायर किया था जिसके बाद गृहसुरक्षा विभाग इस समझौते पर पहुंचा.