जयपुर, 20 मई राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आध्यात्मिक चिंतन से व्यक्ति की संकल्प शक्ति बढ़ती है और वह जनकल्याण के लिए प्रवृत्त होता है।
मिश्र शुक्रवार को यहां प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजयोग शैक्षिक एवं शोध फाउंडेशन की ओर से ‘प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए आध्यात्मिकता’ अभियान की शुरुआत अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों का पालन करना ही धर्म का लक्षण है। मिश्र के मुताबिक व्यक्ति को अपने कार्यक्षेत्र और पारिवारिक जीवन में नैतिकता और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलना चाहिए। इससे न केवल उसके स्वयं के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है, बल्कि दूसरों को भी परोक्ष रूप में नैतिक मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति की मूल भावना वसुधैव कुटुम्बकम में निहित है और इसमें पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्य ही नहीं समस्त जीव-जन्तु, पेड़-पौधों को भी अपने परिवार का भाग माना गया है। इसमें प्राकृतिक संतुलन का अनुपम संदेश समाहित है।
ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशक राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी आध्यात्मिकता के माध्यम से अपनी आंतरिक ऊर्जा के स्रोत को जाग्रित कर अपने कार्य को नये आयाम दे सकते हैं।
कुंज पृथ्वी
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