देश की खबरें | स्पाइस जेट को मध्यस्थता निर्णय की राशि पर ब्याज के रूप में मारन को 75 करोड़ रुपये देने का निर्देश

नयी दिल्ली, एक जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने विमानन कंपनी स्पाइस जेट को तत्काल 75 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। यह राशि एक मध्यस्थता निर्णय से जुड़ी 578 करोड़ रुपये की राशि पर ब्याज के तौर पर मीडिया उद्यमी कलानिधि मारन और उनकी काल एयरवेज को सौंपी जाएगी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा 13 फरवरी, 2023 को पारित आदेश में कोई संशोधन नहीं किया गया है, और इसलिए इसका पालन करना होगा।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने 29 मई को पारित आदेश में कहा, “चूंकि निर्णय देनदार (स्पाइसजेट) डिक्री धारक (मारन और काल एयरवेज) को 75 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करने में विफल रहा था, इसलिए उच्चतम न्यायालय के 13 फरवरी, 2023 के आदेश के पैरा 15 (2) के संदर्भ में, निर्णय देनदारों को ब्याज के रूप में पूरी बकाया राशि तत्काल जमा करने के लिए कहने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसलिए ऐसा निर्देश दिया जाता है। संपत्ति का शपथ पत्र भी आज से चार सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए।”

उच्चतम न्यायालय ने 13 फरवरी के अपने आदेश में कहा था, “अपीलकर्ता (स्पाइसजेट) तीन महीने के अंदर प्रतिवादी (मारन और काल एयरवेज) को 75 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान याचिका के निपटान के चलते लंबित ब्याज के कारण देयता के ऐवज में करेंगे।”

उच्च न्यायालय ने दो नवंबर, 2020 को एयरलाइन को उसके पूर्व प्रवर्तक मारन और काल एयरवेज के साथ शेयर हस्तांतरण विवाद के सिलसिले में ब्याज के तौर पर लगभग 243 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने सात नवंबर, 2020 को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।

इसके बाद इस वर्ष 13 फरवरी को उच्चतम न्यायालय ने कहा कि स्पाइस जेट की 270 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को तुरंत भुनाया जाना चाहिए और मारन व काल एयरवेज को मध्यस्थ न्यायाधिकरण के आदेश के अनुरूप बकाया राशि के ऐवज में उसका भुगतान किया जाना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि उसने स्पाइस जेट को तीन महीने के अंदर मारन और काल एयरवेज को 75 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था।

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