
नयी दिल्ली, नौ मई भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) ने शुक्रवार को कहा कि उपग्रह संचार सेवाओं के मूल्य निर्धारण पर ट्राई की सिफारिशें सरकार के लिए राजस्व जरूरतों और उपग्रह सेवाओं को किफायती एवं सुलभ रखने के बीच संतुलन बनाती हैं।
इसके साथ ही आईएसपीए ने कहा कि इस सिफारिश में सबको समान अवसर देने पर भी ध्यान दिया गया है।
अंतरिक्ष उद्योग के निकाय ने उपग्रह आधारित संचार सेवाओं के लिए मौजूदा स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया में नियामक की स्पष्टता की सराहनी की।
आईएसपीए ने एक बयान में कहा, ''ट्राई की सिफारिशों में स्पेक्ट्रम शुल्क के लिए प्रस्तावित रूपरेखा सरकारी राजस्व की आवश्यकता और उपग्रह सेवाओं को किफायती तथा सुलभ रखने के साथ ही समान अवसर मुहैया कराने के बीच संतुलन बनाती है।''
संघ ने उम्मीद जताई कि भारत में उपग्रह संचार सेवाओं के पूरी तरह विकास में ट्राई और सभी हितधारकों का लगातार सहयोग मिलेगा।
ट्राई ने शुक्रवार को एलन मस्क की स्टारलिंक जैसे उपग्रह संचार सेवा प्रदाताओं पर वार्षिक राजस्व का चार प्रतिशत स्पेक्ट्रम शुल्क लगाने की सिफारिश की।
ट्राई ने दूरसंचार विभाग को दी गई अपनी अनुशंसा में कहा कि शहरी क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले सेवा प्रदाताओं को प्रति ग्राहक 500 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं के लिए इन कंपनियों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
ट्राई ने सिफारिश की है कि उपग्रह ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम पांच साल के लिए आवंटित किया जाए, जिसे बाद में दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
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