नयी दिल्ली, एक जुलाई सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के दायरे में अधिक से अधिक किसानों को नामांकित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया।
बृहस्पतिवार एक जुलाई से शुरू एक सप्ताह का अभियान खरीफ 2021 सत्र के तहत सभी अधिसूचित क्षेत्रों को अपने दायरे में लेगा, जिसमें 75 पिछड़े जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां फसल बीमा की पहुंच कम है।
13 जनवरी, 2016 को शुरू की गई पीएमएफबीवाई का उद्देश्य पूरे देश में सबसे कम एकसमान प्रीमियम पर किसानों को व्यापक जोखिम समाधान (बीमा) प्रदान करना है।
विशेष अभियान की शुरुआत करते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अब तक 29.16 करोड़ किसानों ने पीएमएफबीवाई के तहत अपनी फसलों का बीमा कराया है।
उन्होंने कहा कि योजना के शुरू होने के बाद से किसानों को कुल 17,000 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले 95,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावों के भुगतान किए गए हैं।
एक सरकारी बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया है कि देश में इस योजना का विस्तार करने की आवश्यकता है ताकि फसल बीमा कवरेज को बढ़ाया जा सके और अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके।
तोमर ने राज्य सरकारों और बैंकों एवं बीमा कंपनियों जैसे अन्य अंशधारकों से एक साथ काम करने और इन 75 आकांक्षी जिलों में किसानों तक पहुंचने का आग्रह किया।
उन्होंने किसानों से आगे आने और फसल बीमा के लाभों का आनंद लेने और संकट के समय में आत्मनिर्भर बनने का भी आग्रह किया।
मंत्री ने सप्ताह भर चलने वाले अभियान के दौरान पीएमएफबीवाई पर किसानों के साथ जुड़ने के लिए सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया।
उन्होंने योजना, इसके लाभों और फसल बीमा की प्रक्रिया को समझने के लिए किसानों और जमीनी समन्वयकों की सहायता के लिए एक पीएमएफबीवाई ई-ब्रोशर, एफएओ पुस्तिका और एक गाइडबुक की भी पेशकश की।
योजना के तहत नामांकित होने से लेकर विभिन्न परिस्थितियों में फसल बीमा का दावा करने के तरीकों से लेकर शिकायत निवारण और फसल नुकसान की रिपोर्ट करने तक - सभी को यथास्थान और डिजिटल पहल के माध्यम से किसानों को समझाया जाएगा।
अभियान उन लाभार्थी किसानों की कहानियों को भी सामने लाएगा, जो न केवल इस योजना से लाभान्वित हुए हैं, बल्कि अपने वैचारिक-नेतृत्व के माध्यम से पूरे कृषक समुदाय की मदद की है।
जनजातीय क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों के किसानों के साथ-साथ यह अभियान महिला किसानों को भी जोड़ेगा।
इस आभासी कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी, कृषि सचिव संजय अग्रवाल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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