IND vs SA: 'वर्तमान दौरे में दक्षिण अफ्रीका की पिचें स्पिनरों के अनुकूल', कुलदीप यादव का बयान
कुलदीप यादव (Photo Credits: BCCI/Twitter)

जोहानिसबर्ग, 15 दिसंबर: भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने कहा कि अपनी तेजी और उछाल के लिए मशहूर रहे दक्षिण अफ्रीका के विकेट वर्तमान दौरे में स्पिनरों के भी अनुकूल हैं. कुलदीप ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 17 रन देकर 5 विकेट लिए. वह भुवनेश्वर कुमार के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं जिन्होंने टी20 में अंतरराष्ट्रीय मैचों में दूसरी बार 5 विकेट लेने का कारनामा किया. यह भी पढ़ें: IND vs SA T20 Series: साउथ अफ्रीका के खिलाफ सूर्यकुमार ने हासिल की खास उपलब्धि, इस मामले में रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या को छोड़ा पीछे

अपना 29वां जन्मदिन मना रहे कुलदीप की शानदार गेंदबाजी से भारत ने यह मैच 106 रन से जीत कर तीन मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर की. कुलदीप ने मैच के बाद कहा,‘‘यह मेरे लिए विशेष दिन बन गया। मैंने पांच विकेट लेने के बारे में कभी नहीं सोचा था. मैं केवल इतना चाहता था की टीम जीते जो कि अधिक महत्वपूर्ण है.’’

उन्होंने कहा,‘‘मैं अपनी गेंदबाजी को लेकर थोड़ा चिंतित था क्योंकि मैं कुछ दिनों बाद खेल रहा था और इसलिए मैं लय हासिल करना चाहता था। यह शानदार दिन था. गेंद अच्छी तरह से हाथ से छूट रही थी और परिस्थितियों से भी कुछ हद तक स्पिनरों को मदद मिल रही थी.’’

कुलदीप ने कहा,‘‘ईमानदारी से कहूं तो विकेट स्पिनरों के लिए बहुत अच्छा था. इन विकेट की सबसे अच्छी बात यह रही कि गेंद पिच होने के बाद बहुत तेजी से आ रही थी. इसलिए कभी कभार आपको अपनी ‘वेरिएशन’ बदलनी पड़ती है और अगर आप इसे सही कर देते हो तो फिर इसे खेलना आसान नहीं होता.’’

कुलदीप इससे पहले आखिरी बार 2018 में दक्षिण अफ्रीका में खेले थे। इसके बाद 2021 में घुटने की चोट के कारण वह 6-7 महीनों तक खेल से दूर रहे. उन्होंने कहा,‘‘2018 में मैं काफी नया खिलाड़ी था और उसके बाद दो वर्ष तक मैं चोट से जूझता रहा. घुटने का ऑपरेशन करवाने के बाद मैंने अपनी गेंदबाजी विशेषकर रन अप में कुछ बदलाव किए. मैंने अधिक आक्रामक होने तथा अपनी लेंथ पर ध्यान देने और सीधी गेंद करने का प्रयास किया.’’

कुलदीप ने भी अपने साथियों की तरह स्वीकार किया कि वनडे विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार से उबरने में उन्हें कुछ समय लगा. उन्होंने कहा,‘‘पहले सात से 10 दिन वास्तव में काफी मुश्किल थे. जब भी मैं जागता विश्व कप के फाइनल में हार के बारे में सोचता. लेकिन जिंदगी में बदलाव होता है और आगे बढ़ना होता है. मुझे दक्षिण अफ्रीका में खेलने का मौका मिला. मैं 2018 में यहां खेला था और इसलिए परिस्थितियों से वाकिफ था.’’

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