नयी दिल्ली, तीन जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) को दिल्ली के लिए ‘आपदा’ करार देते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में कुछ ‘कट्टर बेईमान’ लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी को ‘आप-दा’ में धकेल दिया है।
आवास एवं शिक्षा समेत राष्ट्रीय राजधानी में बुनियादी ढांचा से जुड़ी विभिन्न परियोजनायों के उद्घाटन और शिलान्यास के बाद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर राष्ट्रीय राजधानी में इसका शासन चलता रहा तो हालात ‘बदतर’ हो जाएंगे।
उन्होंने आप सरकार पर स्कूली शिक्षा से लेकर प्रदूषण के खिलाफ जंग और शराब के कारोबार समेत कई क्षेत्रों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ केंद्र की सरकार राजधानी के लोगों के जीवन को आसान बनाने के बहुत प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के विकास के वादे कर सत्ता में आने वाली केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ‘आप-दा’ बनकर दिल्ली पर टूट पड़ी है।
अगले महीने राजधानी में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली ने इस 'आप-दा' के खिलाफ युद्ध छेड़ा है और इससे छुटकारा पाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह साल राष्ट्र निर्माण और लोगों के कल्याण की एक नई राजनीति लेकर आएगा। इसलिए 'आप-दा' को हटाकर भाजपा को लाना होगा।’’
दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत और अन्य कार्यक्रमों को अनुमति नहीं देने के कारण मोदी ने कहा कि वह अपने प्रयासों के बावजूद यहां रहने वाले लोगों की पूरी तरह मदद नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि राजधानी में राजमार्ग बनाए जा रहे हैं और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) गरीबों के लिए घर बनाने में सक्षम है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि इन क्षेत्रों में 'आप-दा' की ज्यादा भूमिका नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज तक उन्होंने अपने लिए कोई घर नहीं बनाया और अगर वह चाहते तो अपने लिए भी एक ‘शीश महल’ बना सकते थे, लेकिन देशवासियों को पक्का घर मिले, यही उनका सपना रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश भलीभांति जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया, लेकिन बीते 10 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक लोगों का सपना पूरा किया है। मैं भी कोई शीश महल बना सकता था, लेकिन मेरे लिए तो मेरे देशवासियों को पक्का घर मिले, यही सपना था।’’
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ‘आम आदमी’ छवि पर हमला करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके पुराने सिविल लाइंस स्थित आवास को ‘शीश महल’ के रूप में पेश कर रही है। भाजपा का आरोप है कि आवास को कथित ‘शीश महल’ में तब्दील करने में करोड़ों रुपये खर्च किए गए।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली में आप के नेतृत्व वाली सरकार को बार-बार ‘आपदा’ सरकार करार दिया और आरोप लगाया कि वह राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक ठीक से नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके चलते लाखों दिल्लीवासियों को बहुत परेशानी हो रही है। घर बनाने में लाखों रुपए लगाने के बाद भी अगर सीवर ना हों, नालियां टूटी हों, गली में गंदा पानी बहता हो तो दिल्ली के लोगों का दिल दुखना बहुत स्वाभाविक है।’’
केजरीवाल पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग दिल्ली के लोगों से विश्वासघात करके, झूठी कसमें खा कर अपने लिए शीश महल बनवा लेते हैं...जब यह आप-दा जाएगी, भाजपा आएगी तो इन सारी समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा।’’
प्रधानमंत्री ने दिल्ली सरकार पर स्कूली शिक्षा व्यवस्था को भी ‘बहुत नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि हालत यह है की समग्र शिक्षा अभियान के तहत जो पैसे भारत सरकार ने दिए, उसके आधे भी वह खर्च नहीं कर सकी।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है, जिसको दिल्ली के बच्चों के भविष्य की परवाह नहीं है...भारत सरकार के दिए आधे पैसे भी पढ़ाई के लिए खर्च नहीं कर पाए।’’
उन्होंने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘बीते 10 वर्षों से दिल्ली एक बड़ी ‘आप-दा’ से घिरी है। अन्ना हजारे जी को सामने करके कुछ कट्टर बेईमान लोगों ने दिल्ली को आप-दा में धकेल दिया। शराब के ठेकों में घोटाला, बच्चों के स्कूल में घोटाला, गरीबों के इलाज में घोटाला, भर्तियों के नाम पर घोटाला... ये लोग दिल्ली के विकास की बात करते थे, लेकिन ये लोग आप-दा बनकर दिल्ली पर टूट पड़े हैं।’’
मोदी ने आप नेताओं पर ‘खुलेआम’ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि इसके साथ ही वे उसका महिमामंडन भी करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तो चोरी, ऊपर से सीना जोरी। यह आप... यह आप-दा दिल्ली पर आई है। इसलिए दिल्ली वालों ने आप-दा के विरुद्ध जंग छेड़ दी है। दिल्ली का वोटर, दिल्ली को आपदा से मुक्त करने की ठान चुका है। दिल्ली का हर नागरिक कह रहा है, दिल्ली का हर बच्चा कह रहा है, दिल्ली की हर गली से आवाज आ रही है कि आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कई बार ‘आप-दा को नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’ के नारे लगाए और उन्हें इसमें लोगों का भी साथ मिला।
ब्रजेन्द्र
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