नयी दिल्ली, 27 अप्रैल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि हृदय रोगियों के लिए खतरनाक मानी जाने वाली आईब्रूफन जैसी कुछ दर्दनिवारक दवाएं कोविड-19 के लक्षणों को गंभीर कर सकती हैं और इनसे गुर्दे के खराब होने का जोखिम बढ़ सकता है। इसने सलाह दी कि ‘नॉन स्टीरॉयड एंटी इन्फ्लेमेटरी’ दवाएं लेने की जगह बीमारी के दौरान जरूरत पड़ने पर पैरासीटामोल दवा ली जानी चाहिए।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगियों को लेकर अकसर पूछे जाने वाले सवालों को सूचीबद्ध करते हुए आईसीएमआर ने कहा कि अभी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि रक्तचाप की समस्या में आराम के लिए दी जाने वाली दो दवाएं कोविड-19 की गंभीरता की आशंका को बढ़ाती हैं।
इस सवाल पर कि क्या हृदय, मधुमेह या उच्च रक्तचाप के रोगियों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक है, शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई ने कहा, ‘‘नहीं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को किसी अन्य की तुलना में संक्रमित होने का खतरा अधिक नहीं है।’’
इसने कहा कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कमजोर हृदय वाले कुछ लोगों को अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं और उन्हें अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है।
इस सवाल पर कि क्या मधुमेह रोगियों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक है, आईसीएमआर ने कहा कि आम तौर पर अनियंत्रित मधुमेह के रोगियों को हर संक्रमण का खतरा अधिक है।
आईसीएमआर ने कहा कि हृदय रोगियों के लिए खतरनाक मानी जाने वाली आईब्रूफन जैसी कुछ दर्दनिवारक दवाएं कोविड-19 के लक्षणों को गंभीर कर सकती हैं और इनसे किडनी के खराब होने का जोखिम बढ़ सकता है।
इसने सलाह दी कि ‘नॉन स्टीरॉयड एंटी इन्फ्लेमेटरी’ दवाएं लेने की जगह बीमारी के दौरान जरूरत पड़ने पर पैरासीटामोल दवा ली जानी चाहिए।
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