देहरादून, 13 दिसंबर सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) यहां 16 दिसंबर से 'सौर कौथिग' मेले का आयोजन कर रहा है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल यादव ने यहां बताया कि सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आयोजित यह मेला देश का ऐसा पहला मेला है, जहां विक्रेताओं और उपभोक्ताओं सहित 'रूफटॉप सोलर सिस्टम' से जुड़े सभी हितधारकों को एक ही स्थान पर लाया जा रहा है।
सौर ऊर्जा को स्वच्छ और प्रदूषण रहित बताते हुए यादव ने कहा कि यह प्रकृति का संरक्षण करने के साथ ही जलवायु परिवर्तन से संघर्ष में भी मददगार है और इसलिए इसको अपनाना एक प्रकार की राष्ट्रसेवा भी है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार भी घर की छत पर सौर प्रणाली स्थापित करने में सब्सिडी दे रही है और प्रदेश के उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट 28-29 हजार रुपये सब्सिडी प्राप्त हो रही है।
अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड प्रति व्यक्ति सौर ऊर्जा उत्पादन के हिसाब से देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के दस हजार घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के लक्ष्य को साढ़े तीन माह पहले ही प्राप्त कर लिया गया है। अब तक प्रदेश में 10,252 घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली लगायी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि 2027 तक 40,000 घरों को सौर ऊर्जा योजना से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके लिए सोलर वेंडरों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है और अब तक प्रदेश में आवासीय क्षेत्रों के लिए मान्यता प्राप्त वेंडरों की संख्या 365 हो गयी है।
उन्होंने कहा कि 2027 तक 1,400 मेगावाट सौर क्षमता पाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से आवासीय क्षेत्र में 250 मेगावाट, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र में 750 मेगावाट, संस्थागत क्षेत्र में 350 मेगावाट, कृषि क्षेत्र में 50 मेगावाट सौर क्षमता लगाने का लक्ष्य है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)