
पुणे, 27 जनवरी : महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) से संदिग्ध रूप से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा पुणे में रोग प्रतिरोधी क्षमता को प्रभावित करने वाले इस विकार से संक्रमित लोगों की संख्या 110 के पार पहुंच गई है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. यह महाराष्ट्र में जीबीएस के कारण हुई मौत का संभवत: पहला मामला है. जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं. चिकित्सकों ने बताया कि आम तौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि सोलापुर का रहने वाला 40 वर्षीय यह व्यक्ति पुणे आया था और संदेह है कि वह पुणे में संक्रमित हुआ. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने मौत की पुष्टि की. सोलापुर सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजीव ठाकुर ने कहा, ‘‘सांस लेने में तकलीफ, निचले अंगों में कमजोरी, दस्त जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीज को 18 जनवरी को (सोलापुर में) एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे कई बार वेंटिलेटर पर रखा गया. रविवार को उसकी मौत हो गई.’’ ठाकुर ने बताया कि मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए उन्होंने क्लिनिकल पोस्टमार्टम कराया है. अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि वह जीबीएस से संक्रमित था. मृतक के रक्त के नमूने जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए हैं. यह भी पढ़ें : Delhi Building Collapse Update: दिल्ली के बुराड़ी में बड़ा हादसा, 4 मंजिला इमारात गिरी, 2 की मौत, 12 को बचाया गया, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी; VIDEO
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को पुणे में जीबीएस के नौ और संदिग्ध मामले सामने आए, जिससे महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर में कुल मामलों की संख्या 110 हो गई. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें 73 पुरुष और 37 महिलाएं हैं, तथा 13 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. उन्होंने बताया, ‘‘ अब तक कुल 35,068 घरों का सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें पुणे नगर निगम (पीएमसी) के अंतर्गत 23,017 घर, पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम के अंतर्गत 4,441 घर और ग्रामीण क्षेत्रों में 7,610 घर शामिल हैं. हमने एनआईवी को मल के 44 नमूने भेजे हैं. सभी का परीक्षण किया गया. इनमें से 14 नमूनों में नोरोवायरस और पांच नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर पाया गया.’’
स्वास्थ्य मंत्री अबितकर ने सिंहगढ़ रोड पर नांदेड़ गांव में एक कुएं का निरीक्षण किया, जहां से आस-पास के गांवों को पानी की आपूर्ति की जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘ 80 प्रतिशत मामले इस कुएं के आसपास के इलाकों से हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग और पुणे नगर निगम (पीएमसी) इस मुद्दे को हल करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं.’’ अबितकर ने कहा, ‘‘ आमतौर पर इस बीमारी के कारण मौत नहीं होती है. हालांकि, एक दुर्भाग्यपूर्ण मामले में, सोलापुर में जीबीएस से संक्रमित एक मरीज की मौत हो गई. एहतियात बरता जा रहा है और यह सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाई जा रही है कि आगे कोई हताहत न हो.’’