विदेश की खबरें | छोटे परमाणु रिएक्टर ऊर्जा विकल्प के रूप में उभरे, लेकिन जोखिम भी ज्यादा
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ब्रिटेन स्थित रोल्स-रॉयस एसएमआर का कहना है कि उसके छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) मानक संयंत्रों की तुलना में बहुत सस्ते और तेज हैं, जिससे कई देशों को ऊर्जा सुरक्षा मिल सकती है।

फ्रांस पहले से ही अपनी अधिकांश बिजली के लिए परमाणु ऊर्जा पर निर्भर है और जर्मनी ने उन दो परमाणु संयंत्रों को फिर से सक्रिय करने का विकल्प रखा है, जिन्हें वर्ष के अंत में बंद किया जाना था, क्योंकि रूस ने प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में कटौती कर दी है।

परमाणु ऊर्जा जोखिम भी पैदा करती है, जिसमें अत्यधिक रेडियोधर्मी कचरे का निपटान और उस तकनीक को नापाक इरादे वाले देशों या समूहों के हाथों से दूर रखना शामिल है, जो परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकते हैं।

यूक्रेन के जापोरिज्जिया में यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के आसपास गोलाबारी के बाद संभावित परमाणु आपदा की आशंका बढ़ गई है।

रोल्स-रॉयस एसएमआर के प्रवक्ता डैन गोल्ड ने कहा कि युद्ध के मद्देनजर ‘गैस आयात और रूसी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता ने लोगों का ध्यान ऊर्जा सुरक्षा पर केंद्रित किया है।’

उन्होंने कहा कि एक एसएमआर के घटकों को एक कारखाने में बनाया जा सकता है, ट्रैक्टर ट्रेलर में ले जाया जा सकता है और वहां आपस में जोड़ा जा सकता है, जिससे मितव्ययी खरीदारों के लिए तकनीक अधिक आकर्षक हो जाती है।

रोल्स-रॉयस एसएमआर ने पिछले महीने कहा था कि उसने नीदरलैंड में एसएमआर स्थापित करने के लिए डच विकास कंपनी यूएलसी-एनर्जी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

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