चंडीगढ़, 11 सितंबर : पंजाब पुलिस के प्रमुख गौरव यादव ने रविवार को कहा कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भारत-नेपाल सीमा से एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए छठे शूटर की देश से भागने की योजना थी. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने तीन शूटरों को गिरफ्तार कर लिया था और पंजाब पुलिस ने दो अन्य को मुठभेड़ में मार गिराया था. छठे शूटर दीपक मुंडी और उसके दो साथियों को शनिवार को दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त अभियान में पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया. मुंडी के दो सहयोगियों कपिल पंडित और राजिंदर पर शूटरों को रसद और हथियार मुहैया कराने का आरोप है. पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, “पंजाब पुलिस ने शुभदीप सिंह हत्याकांड में केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में शनिवार को तीनों को गिरफ्तार कर लिया.”
उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक 23 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. मामले में कुल 35 आरोपियों के नाम हैं. आरोपी सचिन बिश्नोई को पहले ही आजरबैजान में हिरासत में ले लिया गया था. पंजाब पुलिस प्रमुख ने कहा कि ऐसी सूचना है कि एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है. यादव ने कहा कि शनिवार को गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि राजिंदर पहले नेपाल में था और वह कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के संपर्क में था, जो इस मामले का मास्टरमाइंड है. बराड़ उनके भागने की योजना का मास्टरमाइंड भी था. डीजीपी ने उनके भागने की योजना का विवरण साझा करते हुए, “मुंडी और कपिल पंडित हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से अपना ठिकाना बदलकर पश्चिम बंगाल पहुंचे थे. उन्होंने नकली पासपोर्ट का उपयोग करके नेपाल के माध्यम से दुबई पहुंचने की योजना बनाई.” यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र: जनजातीय समुदाय पैसों के बदले अपने बच्चों को गड़ेरियों को सौंप रहा, आठ बच्चे छुड़ाये गये
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक योजना नेपाल और भूटान के रास्ते भूमि मार्ग से थाईलैंड पहुंचने की थी या अगर नेपाल में उन्हें नकली पासपोर्ट दिए जाते, तो वे बैंकॉक के लिए उड़ान भरते और बाद में दुबई पहुंचते. डीजीपी ने कहा, “कपिल पंडित की पूछताछ से पता चला कि लॉरेंस बिश्नोई ने संपत नेहरा और गोल्डी बराड़ के माध्यम से (बॉलीवुड अभिनेता) सलमान खान को निशाना बनाने के लिए संपर्क किया था. सचिन बिश्नोई और संतोष यादव के साथ, उन्होंने विस्तृत रेकी की थी और मुंबई में काफी समय बिताया था. जांच के दौरान हम इस पहलू की भी पुष्टि करेंगे.” पंजाब पुलिस द्वारा मूसेवाला की सुरक्षा में अस्थाई कटौती के एक दिन बाद 29 मई को मनसा में उनकी हत्या कर दी गई थी. उस समय वह अपने दोस्त और चचेरे भाई के साथ जवाहर के गांव जा रहे थे.