शिमला, 12 जून : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित छह विधायकों ने बुधवार को सदन की सदस्यता की शपथ ली. पूर्व मंत्री और धर्मशाला से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुधीर शर्मा ने सबसे पहले शपथ ली. उनके बाद लाहौल और स्पीति से कांग्रेस विधायक अनुराधा राणा ने शपथ ली. शपथ लेने वाले अन्य नेताओं में सुजानपुर से कांग्रेस विधायक कैप्टन रणजीत सिंह, बड़सर से भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, गगरेट से कांग्रेस विधायक राकेश कालिया और कुटलैहड़ से कांग्रेस विधायक विवेक शर्मा शामिल हैं. नए विधायकों को बधाई देते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उम्मीद जताई कि वे विधानसभा में राज्य और जन कल्याण से जुड़े मुद्दे उठाएंगे.
एक जून को हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने छह विधानसभा सीटों में से चार पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने दो सीट जीती है. सूबे के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस को सदन में पूर्ण बहुमत के लिए सिर्फ एक सीट की जरूरत थी और जनता ने पार्टी के उन बागियों को करारा जवाब दिया है, जिन्होंने अपनी आत्मा बेचकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने चार लोकसभा सीटें और दो विधानसभा उपचुनाव जीते हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में चार विधायकों की हार की समीक्षा पार्टी कर रही है. छह नए विधायकों में से तीन - सिंह (सुजानपुर), शर्मा (कुटलैहड़) और राणा (लाहौल और स्पीति) - पहली बार विधायक बने हैं. यह भी पढ़ें : जरांगे का अनशन पांचवे दिन भी जारी, नसों के जरिए तरल पदार्थ दिया गया
अनुराधा राणा 52 वर्षों में लाहौल और स्पीति से चुनाव लड़ने वाली पहली महिला हैं और इस विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाली दूसरी महिला हैं. उन्होंने कहा कि उनका ध्यान बेहतर कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य सुविधाओं और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने पर होगा.कांग्रेस सरकार की स्थिरता के लिए सत्तारूढ़ पार्टी का उपचुनाव जीतना महत्वपूर्ण है. अब 65 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 38 विधायक हैं. तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के बाद खाली हुए तीन विधानसभा क्षेत्रों में 10 जुलाई को चुनाव होंगे. बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप का उल्लंघन करने पर कांग्रेस के बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद छह विधानसभा सीटें रिक्त हो गई थीं.