Maratha Reservation: मनोज जरांगे का अनशन पांचवे दिन भी जारी, नसों के जरिए तरल पदार्थ दिया गया
Manoj Jarange-Patil (Photo Credits ANI)

जालना, 12 जून : मराठा आरक्षण को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को पांचवें दिन महाराष्ट्र के एक मंत्री द्वारा मुद्दे को सुलझाने का आश्वासन दिए जाने के बाद नसों के जरिए तरल पदार्थ लेना शुरू कर दिया है. जरांगे ने हालांकि चेताया है कि अगर सरकार इस मुद्दे को तुरंत हल करने में विफल रहती है तो वह नसों के जरिए तरल पदार्थ लेना बंद कर देंगे. जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराती में उन्होंने शनिवार को फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) से नवनिर्वाचित शिवसेना सांसद संदीपन भूमरे ने अंतरवाली सराती जा कर मंगलवार को जरांगे से मुलाकात की.

जरांगे मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं जो कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के "सेज सोयरे" (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता देती है. वे कुनबी समुदाय को मराठा के रूप में पहचान दिलाने के लिए एक कानून की भी मांग कर रहे हैं. कुनबी एक कृषि समूह है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है. जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, जिससे वे कोटा के तहत मिलने वाले लाभ के लिए पात्र बन सकें. बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने कहा, "महाराष्ट्र के एक मंत्री ने मुझे मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद मैंने आज सुबह तीन बजे से नसों के जरिए तरल पदार्थ लेना शुरू कर दिया. लेकिन अगर सरकार इस मुद्दे को तुरंत हल नहीं करती है तो मैं तरल पदार्थ लेना बंद कर दूंगा और अगर मंत्री ने वादा पूरा नहीं किया तो मैं उनका नाम उजागर करूंगा. हम पिछले दस सालों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने हमारे धैर्य की परीक्षा ली है." यह भी पढ़ें : Akhilesh Yadav: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, अब दिल्ली में करेंगे बीजेपी का घेराव

उन्होंने कहा, "मैंने मराठों के कुनबी रिकॉर्ड के लिए 'सेज सोयरे' अधिसूचना और हैदराबाद गजट के कार्यान्वयन की अपनी मांगों को दोहराया. हमारी दूसरी मांग पिछले साल आंदोलन के दौरान मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी पुलिस मामलों को वापस लेना है." मंगलवार को अपनी बैठक के दौरान सांसद भूमरे ने जरांगे को आश्वासन दिया कि सरकार मराठा आरक्षण के सकारात्मक समाधान की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है. मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी जयश्री भुसारे ने कहा कि जरांगे का रक्तचाप और शर्करा का स्तर गिर रहा है और उन्हें नसों के द्वारा तरल पदार्थ और दवाएं दिए जाने की आवश्यकता है.