नयी दिल्ली, 26 जुलाई लोकसभा में बुधवार को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।
कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने आज सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और सदन ने उसे चर्चा के लिए मंजूर किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह सभी दलों के नेताओं से बात करके और नियमों के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का समय तय करेंगे।
सदन में हंगामे के बीच ही सरकार ने छह विधेयक पेश किये।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किया। इस विधेयक को पेश किये जाने पर कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी ने आपत्ति प्रकट की।
गृह राज्य मंत्री राय ने ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023’ भी प्रस्तुत किये।
इससे पहले ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किये जाने का विरोध करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय विचार कर रहा है और ऐसे में इस विधेयक को पेश करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
इस दौरान सदन में गृह मंत्री अमित शाह उपस्थित थे।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने ‘संविधान (जम्मू कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023’ और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने ‘संविधान (जम्मू कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किये।
कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘खान और खनिज (विकास और नियमन) संशोधन विधेयक, 2023’ पेश किया। आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने इसे पेश किये जाने पर विरोध जताया।
मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदन में बयान और फिर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों ने इस दौरान जोरदार नारेबाजी की।
कांग्रेस के कुछ सदस्यों की नारेबाजी पर नाराजगी जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘सदन की गरिमा रखें। यह भारत की संसद है। आप उसकी गरिमा गिराना चाहते हैं। आप सबसे पुराने दल हो, क्या इस तरह का व्यवहार ठीक लगता है? इतने साल शासन में रहने के बाद आपको यह व्यवहार सिखाया गया है।’’
हंगामा जारी रहने पर उन्होंने दोपहर 12 बज कर करीब 17 मिनट पर सदन की बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने करगिल विजय दिवस और भारतीय जवानों के शौर्य एवं पराक्रम का उल्लेख किया। पूरे सदन ने कुछ पल मौन रखकर करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, उसी समय कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर का मुद्दे उठाने लगे और नारेबाजी करने लगे।
विपक्षी सदस्यों ने सदन में ‘जवाब दो-जवाब दो’, ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ और ‘वी वान्ट जस्टिस’ के नारे लगाए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद कर सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप सदन नहीं चलाना चाहते? क्या आप मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहते? ’’
बिरला ने कहा, ‘‘सदन की मर्यादा बनाकर रखें। यह सदन चर्चा के लिए है।’’
हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मॉनसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।
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