नयी दिल्ली, नौ नवंबर दिल्ली में रात में अनुकूल गति से हवा चलने, आसपास के राज्यों में छिटपुट बारिश होने और पराली जलाने के मामलों में भारी गिरावट के बाद बुधवार को वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई।
दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 260 रहा, जो मंगलवार को 372 था। सोमवार को यह 354, रविवार को 339 और शनिवार को 381 था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 20 अक्टूबर के बाद से यह सबसे कम एक्यूआई है। उस दिन एक्यूआई 232 था। हर साल के नवंबर महीने के लिहाज से यह 29 नवंबर, 2020 के बाद से सबसे अच्छा एक्यूआई है। 29 नवंबर 2020 को एक्यूआई 231 था।
एक्यूआई को 201 से 300 के बीच “खराब’, 301 और 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
वायु गुणवत्ता में सुधार का अंदाजा बेहतर दृश्यता स्तर से लगाया जा सकता है। पालम हवाई अड्डे पर सुबह के समय दृश्यता स्तर 1,400 मीटर और सफदरजंग हवाई अड्डे पर 1,500 मीटर था। मंगलवार को धुंध के कारण इन स्थानों पर दृश्यता का स्तर 800 मीटर रह गया था।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात कुछ हिस्सों में 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दक्षिण-पूर्वी हवाएं चलीं। इससे स्थिति को बेहतर होने में मदद मिली।
दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 16.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के पर्यावरण निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी. के. सोनी ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों जैसे अलवर, भिवाड़ी और रेवाड़ी और हरियाणा के कुछ इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में हल्की-फुल्की बारिश हुई है, जिसका असर उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा, “आस-पास के क्षेत्रों इन बारिश से दिल्ली में प्रदूषण कम हो गया है।”
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