चंडीगढ़, 7 नवंबर : पंजाब के महाधिवक्ता ए पी एस देओल द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पर गलत सूचना फैलाने और उनके काम में बाधा डालने का आरोप लगाने के एक दिन बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने रविवार को पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि महाधिवक्ता की ‘सरासर निष्क्रियता’ बेअदबी और नशीले पदार्थ से जुड़े मामलों में न्याय को प्रभावित कर रही है. महाधिवक्ता ने शनिवार को सिद्धू पर राज्य सरकार और उनके कार्यालय के कामकाज में बाधा डालने और ‘‘राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए गलत सूचना फैलाने’’ का आरोप लगाया था. सिद्धू ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट में देओल की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘न्याय अंधा है लेकिन पंजाब के लोग नहीं हैं.’’ सिद्धू ने कहा, ‘‘श्री महाधिवक्ता...न्याय अंधा है लेकिन पंजाब के लोग नहीं हैं. हमारी कांग्रेस पार्टी बेअदबी के मामलों में न्याय देने के वादे के साथ सत्ता में आई, जिसमें आप मुख्य साजिशकर्ताओं, आरोपियों के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए और हमारी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए.’’
सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘आज आप उसी राजनीतिक दल की सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो सत्ता में है और मुझ पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि मैं बेअदबी के मामलों में न्याय के लिए लड़ रहा हूं और आप आरोपियों के लिए जमानत जुटा रहे थे.’’ कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता के रूप में देओल की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं. देओल ने 2015 में बेअदबी के बाद पुलिस की गोलीबारी की घटनाओं से जुड़े मामलों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था. सिद्धू ने आरोप लगाया, ‘‘एक चरित्रवान व्यक्ति सही मकसद के साथ सही उद्देश्य के लिए सही काम करता है. आपकी सरासर निष्क्रियता न्याय सुनिश्चित करने के बजाय स्पष्ट रूप से उसे प्रभावित कर रही है.’’ एक अन्य ट्वीट में, सिद्धू ने आरोप लगाया कि देओल ने जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने के लिए अनुरोध किया था क्योंकि ‘‘आप पंजाब में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की ओर से दुर्भावना, द्वेष और गुप्त उद्देश्यों के कारण बेअदबी के मामलों में उनके झूठे निहितार्थ से डरते थे.’’ यह भी पढ़ें : राजस्थान में खूनी खेल, दो पक्षों के बीच झगड़े को लेकर चली तड़ातड़ गोलियां, पिता-पुत्र की मौत
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘क्या मैं जान सकता हूं कि जब आप मुख्य साजिशकर्ताओं के लिए पेश हुए और उनके लिए जमानत हासिल की, तो आप किस हित (निहित या अन्यथा) के लिए काम कर रहे थे, अब आप अभिनय कर रहे हैं.’’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा के एक महीने बाद शुक्रवार को सिद्धू ने इसे वापस ले लिया. हालांकि, सिद्धू ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महाधिवक्ता को हटाए जाने के बाद ही वह फिर से कार्यभार संभालेंगे. सिद्धू ने महाधिवक्ता पद के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पसंद माने जा रहे देओल पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा, ‘‘क्या आप उन लोगों के इशारे पर काम कर रहे हैं जिन्होंने आपको इस संवैधानिक पद पर नियुक्त किया है और उनके राजनीतिक लाभ को पूरा कर रहे हैं?’’ सिद्धू ने शुक्रवार को चन्नी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में न्याय दिलाने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर सवाल किया था.