कर्नाटक को सूखा राहत के लिए 'एक पैसा भी' जारी नहीं करने के लिए सिद्धरमैया ने केंद्र की आलोचना की
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विजयपुरा (कर्नाटक), 20 नवंबर: कर्नाटक में सूखा राहत के लिये अब तक एक भी पैसा जारी नही करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि प्रभावित लोगों के लिए सहायता और रोजगार के दिवस बढ़ाने के लिए केंद्र को लिखे गए उनके पत्र का जवाब नहीं मिला. कर्नाटक सरकार ने राज्य के 236 में से 223 तालुका को सूखा ग्रस्त घोषित किया है.

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हमने सभी सूखा राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, जैसे- पीने का पानी उपलब्ध कराना, पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराना, लोगों को रोजगार देना.’’ यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में भीषण सूखे को देखते हुए राज्य ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत रोजगार दिवस को साल में 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन करने का फैसला किया है, लेकिन इसके लिये अनुमति केंद्र सरकार को देनी होगी.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसके लिए केंद्र को पत्र लिखा है लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं आया है.’’ सिद्धरमैया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र से राहत की मांग करते हुए सूखा संबंधी ज्ञापन सौंपे हुए एक महीने से अधिक समय हो गया है, जिसके बाद एक केंद्रीय टीम ने भी निरीक्षण के लिए राज्य का दौरा किया लेकिन आज तक उन्होंने सूखा राहत के रूप में एक पैसा भी नहीं दिया है.

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने पिछले बृहस्पतिवार को राज्य को सूखा राहत राशि जारी करने में केंद्र सरकार द्वारा देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. सिद्धरमैया ने पिछले हफ्ते भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को राज्य को सूखा राहत निधि जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पत्र लिखा था. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर सूखा घोषित करने के मानदंडों में बदलाव की मांग की थी, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं आया.

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