नयी दिल्ली, 10 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिडबी से कहा कि वह इंडियाबुल्स कॉमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड से कर्ज की और किस्तें मांगने से पहले यह स्पष्ट करे कि रिजर्व बैंक की कर्ज लौटाने में तीन महीने की राहत देने की योजना इंडियाबुल्स कॉमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड जैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर लागू होती है अथवा नहीं।
न्यायमूर्ति रेखा पाटिल ने इंडियाबुल्स कॉमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। इंडियाबुल्स कॉमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड ने सिडबी द्वारा इस साल अप्रैल के लिये किस्त की मांग किये जाने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।
हालांकि, इंडियाबुल्स कॉमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड ने मामले की सुनवाई होने से पहले अप्रैल की किस्त का भुगतान कर दिया है, न्यायालय ने कहा कि अब याचिका में सुनवाई के लायक कुछ नहीं है।
लेकिन न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि सिडबी को आगे किसी भी किस्त की मांग से पहले यह स्पष्ट करना होगा कि क्या एनबीएफसी पर तीन महीने की किस्त भुगतान छूट योजना लागू है या नहीं।
इंडियाबुल्स कॉमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड ने सिडबी से 575 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। याचिका के अनुसार, उसने अभी तक किसी भी किस्त के भुगतान में चूक नहीं की है।
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