कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े कर सीएम गहलोत और कई अन्य नेताओं के निशाने पर आए कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ( फोटो क्रेडिट- ANI)

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के ताजा बयान को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में करने से कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत होती हैं. दरअसल, सिब्बल ने अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा है कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने ट्वीट किया, ‘'कपिल सिब्बल द्वारा पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में करने की कोई जरूरत नहीं थी, इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत होती हैं.'’ उन्होंने कहा, '‘कांग्रेस ने 1969, 1977, 1989 और उसके बाद 1996 में अनेक संकट देखे ... लेकिन अपनी विचारधारा, कार्यक्रमों व नीतियों और पार्टी नेतृत्व में मजबूत विश्वास के चलते हर बार हम और अधिक मजबूत होकर निकले हैं.’’ बिहार में हार के लिए SP ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार, बोलीं- प्रदर्शन अच्छा होतो तो महागठबंधन की बनती सरकार.

सीएम अशोक गहलोत का ट्वीट:

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हम हर संकट के बाद बेहतर हुए और 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में संप्रग सरकार भी बनी. इस बार भी हम संकट से निकल आएंगे.'’ कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने संवाददाताओं से कहा कि बिहार चुनाव में हार के लिए पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है क्योंकि इसकी जिम्मेदारी प्रदेश इकाई की है.

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी सिब्बल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह उनके साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लड़ाई लड़ें.

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सिब्बल पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘ जब समय अच्छा था तो आप संगठन को 'ज्ञान' देने वाले मंत्री थे, लेकिन तब भी राहुल गांधी जी न प्रधानमंत्री बने और न मंत्री. उस दौरान भी वह युवा कांग्रेस जैसे कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों को मजबूत कर रहे थे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आज जब वक्त अनुकूल नही, तब भी राहुल जी दिन रात संगठन की मजबूती के लिए प्रयासरत है. जो पहले मंत्री थे, वे आखिरी बार कब सत्ता के खिलाफ 'लाठियां' खाने सड़कों पर कार्यकर्ताओं के साथ उतरे थे ? आखिरी बार कब आपने खुलकर नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा की मुखालफत की थी ?’’

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राजद के सामने कांग्रेस को ‘नतमस्तक’ कराने वाले पार्टी के सभी पदाधिकारियों को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बिहार चुनाव में बुरी तरह “हारने” के बाद उन सभी पदाधिकारीयों को नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफ़ा दे देना चाहिये जिन्होंने राजद के सामने कांग्रेस को “नतमस्तक” कराने की ग़लती की.’’

उधर, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने सिब्बल के बयान से परोक्ष रूप से सहमति जताते हुए कहा कि यह कांग्रेस के लिए आत्मविश्लेषण, चिंतन और विचार-विमर्श करने का समय है. उल्लेखनीय है कि बिहार के हालिया विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की घटक कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई, जबकि उसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सत्ता से दूर रह जाने का एक प्रमुख कारण कांग्रेस के इस निराशाजनक प्रदर्शन को भी माना जा रहा है.

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