पुणे, 25 नवंबर : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार ने शुक्रवार को कहा कि श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha Murder Case) की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत द्वारा की जानी चाहिए और दोषियों को “कठोरतम” सजा दी जानी चाहिए. पवार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी कर्तव्य में लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो उसकी जांच होनी चाहिए. इस साल मई में, 27 वर्षीय वालकर की दिल्ली में उसके सह जीवन साथी आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी. उसने कथित तौर पर वालकर का गला घोंट दिया. आफताब ने उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया था, जिसे उसने कई दिनों तक आधी रात को शहर भर में फेंकने से पहले दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक फ्रिज में रखा था.
वालकर ने 2020 में महाराष्ट्र में पालघर पुलिस से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने पूनावाला पर उसे मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया था और कहा था कि उसे डर है कि वह उसके टुकड़े-टुकड़े कर देगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वालकर ने महाराष्ट्र के एक पुलिस थाने में आफताब के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई और चूक की जांच शुरू की जाएगी. यह भी पढ़ें : पालतू जानवर के निधन पर गहरा दुःख होना सामान्य है, इससे उबरने के लिए क्या करें
शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर राकांपा नेता ने कहा, “एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय यदि कोई पुलिस अधिकारी या पुलिस कांस्टेबल कर्तव्य में लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो जांच होनी चाहिए.” पवार ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए एक फास्ट ट्रैक अदालत का गठन किया जाना चाहिए और दोषियों को सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज में संदेश जाना चाहिए कि इस तरह के कृत्य की सजा मात्र मृत्युदंड है. राकांपा नेता ने कहा, “दोषियों को कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसा अपराध करने की हिम्मत न करे.”