देश की खबरें | ईंधन मूल्यों की बढ़ोतरी पर सीतारमण के ‘धर्मसंकट’ बयान की शिवसेना ने आलोचना की

मुंबई, 26 फरवरी शिवसेना ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ईंधन के मूल्यों में तेजी से बढ़ोतरी के मुद्दे को ‘‘धर्मसंकट’’ बताने की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि अगर वह इसका समाधान नहीं कर सकती हैं तो उन्हें पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि मंत्री मुद्दे से बचने का प्रयास कर रही हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आपको ‘धर्म’ के नाम पर वोट मिला। अगर पेट्रोल और डीजल के मूल्य कम करना धर्मसंकट है तो फिर धर्म की राजनीति मत कीजिए।’’

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिक जवाबदेही लोगों को महंगाई से बचाना है और निर्णय लेते समय उसे बनिया जैसा लाभ एवं हानि का नजरिया नहीं अपनाना चाहिए।

शिवसेना नेता ने कहा, ‘‘(तत्कालीन) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी संप्रग के शासनकाल में इस तरह की स्थिति (ईंधन के उच्च मूल्य) से रू-ब-रू होना पड़ा था लेकिन उन्होंने इसका सामना किया और आप बच रहे हैं।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल के उच्च मूल्य ‘धर्मसंकट’ हैं तो सीतारमण को पद पर नहीं रहना चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि पड़ोसी श्रीलंका और नेपाल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 40 फीसदी कम हैं।

अहमदाबाद में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र ईंधन के उपकर एवं अन्य करों में कटौती पर विचार कर रहा है तो सीतारमण ने कहा कि इस सवाल ने उन्हें ‘‘धर्मसंकट’’ में डाल दिया है।

उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के छात्रों से बातचीत में कहा, ‘‘यह छिपा हुआ तथ्य नहीं है कि केंद्र को इससे राजस्व प्राप्त होता है। यही मामला राज्यों के साथ है। मैं सहमत हूं कि उपभोक्ताओं पर कम बोझ पड़ना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए केंद्र और राज्यों को एक-दूसरे से बातचीत करनी चाहिए।’’

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