मुंबई, 22 जून आंतरिक संकट से जूझ रही शिवसेना ने असंतुष्ट नेता एकनाथ शिंदे का साथ दे रहे बागी नेताओं समेत अपने सभी विधायकों को बुधवार शाम पांच बजे विधायक दल की बैठक में भाग लेने या दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई का सामना करने को कहा।
इस पर शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा जारी आदेश "कानूनी रूप से अमान्य" हैं क्योंकि विधायक भरत गोगावाले को पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया जा रहा है।
प्रभु ने गृह राज्य मंत्री शंभुराज देसाई सहित शिवसेना के कुछ मंत्रियों को एक पत्र जारी किया। देसाई अभी शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं।
पत्र में कहा गया है, ‘‘शिवसेना ने आज शाम वर्षा बंगले में तत्काल एक बैठक बुलाई है क्योंकि गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया है। बैठक के बारे में विवरण सभी सदस्यों (विधायकों) के साथ उनके पंजीकृत ई-मेल, व्हाट्सएप और एसएमएस के माध्यम से पर साझा किया गया है।’’
पत्र में कहा गया है, "आप कोई वैध और पर्याप्त कारण बताए बिना बैठक से अनुपस्थित नहीं रह सकते हैं। यदि आप बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो यह माना जाएगा कि आपका स्पष्ट इरादा पार्टी छोड़ने का है। इसलिए, आपके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के प्रावधान के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।’’
वर्षा बंगला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आधिकारिक आवास है।
शिंदे ने ट्वीट किया, "शिवसेना विधायक भरत गोगावाले को विधानसभा में शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है। विधायकों की बैठक के बारे में सुनील प्रभु द्वारा जारी आदेश कानूनी रूप से अमान्य हैं।"
एक दिन पहले शिवसेना ने शिंदे को विधानसभा में अपने दल के नेता के पद से हटा दिया था।
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