नयी दिल्ली, 12 अगस्त अदाणी समूह की सूचीबद्ध 10 कंपनियों में से आठ के शेयर सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए। अदाणी विल्मर के शेयर में चार प्रतिशत की गिरावट आई।
अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपंनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट आई।
बीएसई सेंसेक्स पर कारोबार के अंत में अदाणी विल्मर का शेयर 4.14 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस का 3.88 प्रतिशत, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का 3.70 प्रतिशत, एनडीटीवी का 3.08 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स का 2.02 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज का 1.09 प्रतिशत, एसीसी का 0.97 प्रतिशत और अदाणी पावर का 0.65 प्रतिशत गिरा।
हालांकि, समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 0.55 प्रतिशत और अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 0.22 प्रतिशत चढ़ा।
दिन में कारोबार के दौरान अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 17 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस का 13.39 प्रतिशत, एनडीटीवी का 11 प्रतिशत और अदाणी पावर का 10.94 प्रतिशत लुढ़का था। अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 6.96 प्रतिशत, अदाणी विल्मर में 6.49 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज में 5.43 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स में 4.95 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 2.53 प्रतिशत और एसीसी में 2.42 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था। उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने तथा समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरपर्सन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं।
आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च, 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था। ये निवेश ‘‘ सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से ’’ किए गए थे। सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष ‘‘निष्क्रिय’’ हो गए।
अदाणी समूह ने भी सेबी प्रमुख के साथ किसी भी तरह के वाणिज्यिक लेन-देन से इनकार किया है। संपत्ति प्रबंधन इकाई 360वन (जिसे पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट कहा जाता था) ने अलग से बयान में कहा कि बुच तथा उनके पति धवल बुच का आईपीई-प्लस फंड 1 में निवेश कुल निवेश का 1.5 प्रतिशत से भी कम था और उसने अदाणी समूह के शेयरों में कोई निवेश नहीं किया था।
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